Atmadharma magazine - Ank 351
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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: पोष : २४९९ आत्मधर्म : १ :
वार्षिक वीर सं. २४९९
लवाजम पोष
चार रूपिया जान्युआरी 1973
वर्ष: ३० अंक ३
धर्मात्मानी अनुभूतिनुं वर्णन
धर्मीना अंतरमां समयसार कोतरायेलुं छे
मागशर वद आठमे आचार्यश्री कुंदकुंदप्रभुनी
आचार्यपद प्रतिष्ठानो मंगल दिवस आनंद आनंदथी उजवायो.
ते दिवसे पू. गुरुदेवना सुहस्ते ईटालीना मशीन द्वारा
समयसार कोतरवानो प्रारंभ थयो, अने अजित प्रेसना
प्रांगणनां बंधायेल मंडपमां पू. गुरुदेवनुं भावभीनुं प्रवचन
थयुं. ते वांचतां मुमुक्षुओने आनंद थशे.

आजे कुंदकुंदाचार्यदेवनी आचार्यपदवीनो महान दिवस छे. आत्माना आनंदमां
झुलता तेओ महान संत हता. बे हजार वर्ष पहेलांं तेओ अहीं मद्रास पासे पोन्नूर
पर्वत पर बिराजता हता; त्यांथी विदेहक्षेत्रमां सीमंधर परमात्मा पासे तेओ गया
हता, ने आठ दिवस रहीने भगवाननी वाणी सांभळी हती; तेमनी आचार्यपदे
प्रतिष्ठानो आजे दिवस छे. तेमणे समयसारादि महान परमागम रचीने उपकार कर्यो
छे. मंगलना श्लोकमां महावीर भगवान अने गौतम गणधर पछी