Atmadharma magazine - Ank 351
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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: पोष : २४९९ आत्मधर्म : प :
जीव रागथी जुदो ज छे. धर्मीना द्रव्य – गुण – पर्याय त्रणे चैतन्यमय छे, तेमां क््यांय
व्यवहारना विकल्पो के राग नथी. स्वभावनो आश्रय करीने धर्मी ज्ञान–आनंदरूपे
परिणम्यो तेमां कोई रागनी – विकल्पनी अपेक्षा नथी. बीजा कोई कारकनी अपेक्षा
राख्या वगर धर्मी पोताना स्वाधीन षट्कारथी ज्ञान–आनंदरूपे परिणमे छे. अहो,
आवुं निरपेक्षपणुं वस्तुस्वरूपमां छे.
भगवान! तारी बलिहारी छे. आवा आत्मानी वात विदेहमांथी कुंदकुंदाचार्य देव
लाव्या.... ने भरतक्षेत्रना भव्य जीवोने आ समयसार द्वारा आपी. समयसारमां केवळ
प्रभुनी वाणी छे, तेनी एकेक गाथामां ज्ञाननो मोटो दरियो भर्यो छे.
ज्ञान स्वसन्मुख थईने रागथी भिन्नपणे वर्त्युं, ते ज ज्ञानीनुं काम छे. विकल्प के
शास्त्रनी शब्द रचना – ते ज्ञानीनुं काम नथी. ज्ञानमां रागनुं कार्य होय नहीं. ज्ञानमां
रागनुं कार्य छे ज नहीं तो ते राग ज्ञाननुं कारणकेम थाय? ज्ञाननुं कारण–कार्य ज्ञानरूप
ज होय. एकला ज्ञान–दर्शन–आनंदरूप निर्मळभाव ते ज धर्मीनुं कार्य छे; बीजुं तेनुं
कार्य नथी. अने अज्ञानीने विकल्पनुं कार्य छे, बीजुं कोई कार्य तेने नथी. विकल्पने जेणे
पोतानुं कार्य मान्युं, विकल्पने ज्ञाननुं साधन मान्युं, विकल्पवाळो आत्मा छे एम जे
अनुभवे छे – ते जीवने रागनुं कर्ताकर्मपणुं क््यांथी छूटे? राग सहित ज ते पोताने
अनुभवे छे, ने रागथी भिन्न चेतनस्वभावने जे अनुभवतो नथी तेने कदी रागादिनुं
कर्तापणुं छूटतुं नथी एटले संसारभ्रमण छूटतुं नथी, केमके आत्माने रागादिस्वरूप
मानवो ते ज संसारनुं बीज छे. धर्मीने रागादिथी भिन्न ज्ञानना अनुभववडे संसारनुं
बीज छेदाई गयुं छे. राग तो दशमां गुणस्थान सुधी होय छे पण धर्मीनुं ज्ञान ते
रागसहित नथी; रागथी जादा ज ज्ञानस्वरूपपणे धर्मी पोताने अनुभवे छे. आवो
अनुभव ते ज सम्यग्द्रर्शनने सम्यज्ञान छे, ते धर्मीनुं कार्य छे.
ज्ञायकस्वभावनी द्रष्टि थतां धर्मीने निर्मळपर्याय थई, ते निर्मळपर्यायने, अने
ते काळना रागादिने धर्मी जाणे छे, – पण त्यां ते निर्मळज्ञानभाव अने रागभाव ए
बंने बे–पणे वर्ते छे एटले जुदापणे वर्ते छे, एटले तेमने कर्ताकर्मपणुं नथी. आ रीते
धर्मीनुं ज्ञान विकल्पसहित नथी, विकल्पनुं कर्ता नथी, ज्ञानसत्ता विकल्पथी जुदी छे.
राग काळे रागवाळो ज आत्मा जेने भासे छे ने रागथी जुदुं ज्ञानस्वरूप