
अनेक प्रकार होय, पण तेमां जात एक ज छे; जेटली रत्नत्रयनी शुद्धता छे तेटलो ज
मोक्षमार्ग छे, बीजो कोई मोक्षमार्ग नथी.
अविरुद्धपणुं छे. पण, निश्चयमोक्षमार्ग ते पण मार्ग छे, अने व्यवहारमोक्षमार्ग ते पण
मार्ग छे–एम बंनेने साचा मानीने अंगीकार करतां तो विरोध आवे छे. एक
निश्चयमोक्षमार्ग ते साचो मार्ग छे अने बीजो मार्ग कहेवो ते तो मात्र उपचार छे, ते
साचो मार्ग नथी,–एम ओळखतां ज साचा मोक्षमार्गनुं ज्ञान थाय छे, अने तेमां ज
बंने नयोना साचा अर्थनो स्वीकार थाय छे.
छे; अने त्यां जे साचो मोक्षमार्ग तो नथी पण मोक्षमार्गनी साथे निमित्तपणे वर्ते छे
तेने पण मोक्षमार्ग कहेवो ते व्यवहार छे.
जेम उपादान वगरनुं निमित्त ते खरेखर निमित्त नथी, तेम निश्चयनी अपेक्षा
वगरनो व्यवहार ते खरेखर व्यवहार नथी. निश्चय वगर एकलो व्यवहार होतो नथी,
एटले पहेलांं एकलो व्यवहार होय ने तेनाथी निश्चय पमाय –ए वात साची
नथी. ‘बंने साथ रहेल’–एटले निश्चय अने व्यवहार बंने साथे रहेला होवा छतां
तेमां सत्य मोक्षमार्ग तो एक ज छे, बे नथी.
तेमां निश्चयरत्नत्रय ते सत्यार्थ मोक्षमार्ग छे, अने तेने अनुकूळपणे श्रद्धा–ज्ञान–
चारित्रना जे शुभविकल्पो वर्ते छे तेमां मोक्षमार्गनो व्यवहार करवो ते उपचार छे, ते
सत्यार्थ नथी. एक ज सत्य मोक्षमार्ग, ने बीजो सत्य नहि पण उपचार,–एम
मोक्षमार्गनुं स्वरूप विचारवुं. निश्चय अने व्यवहार बंने भेगां थईने एक मोक्षमार्ग
छे–एम नथी. निश्चय ते एक ज मोक्षमार्ग छे.