Atmadharma magazine - Ank 357
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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: अषाढ : २४९९ आत्मधर्म : ५ :
बिलाडीनो प्रसंग आवे त्यां पोते दूर भागी जाय तो तेनी रक्षा ज थाय छे; तेम
शास्त्रभणतर भले झाझुं न होय, पण राग अने ज्ञाननी भिन्नता जाणीने जेनी
परिणति चैतन्यभावरूपे परिणमी गई छे तेनुं ज्ञान तो दरेक प्रसंगे विकल्पथी जुदापणे
चैतन्यभावे ज वर्ते छे, एटले जन्म–मरणथी तेनी रक्षा थाय छे.
अरे, तारुं सत्यस्वरूप तो ओळख भाई! आवो अवसर पामीने जो तारा
सत्यस्वरूपने तें न ओळख्युं तो तें शुं कर्युं? आत्माना ज्ञान वगर पशुना जीवनमां ने
तारा जीवनमां शो फेर? अने तिर्यंचगतिमां पण जे जीव भेदज्ञान करे छे ते जीव
प्रशंसनीय छे, ते देव जेवो छे. अरे, जेणे पोताना चैतन्यरसनी मीठाश चाखी तेने
रागमां के परमां पोतापणुं मानवानुं क््यां रह्युं? ने तेमां क््यांय मीठाश क््यां रही?
चैतन्य सिवाय बीजे क््यांय अतीन्द्रिय आनंदनी मीठाश छे ज नहि. माटे भेदज्ञानवडे
ज्ञानी पोताना चैतन्यना परम उपशमरसनो स्वाद चाखीने आखा जगतथी ने रागथी
पण उदासीन विरक्त वर्ते छे. अहो, जेणे आवुं भेदज्ञान कर्युं तेनो बेडो भवथी पार छे.
भाई, संसारमां पुण्य – पापनां फळ ए तो चलती – फिरती छाया जेवा छे.
आजे मोटो झवेरी होय ने काले भीखारी थईने पैसा मांगतो होय; आजे भीखारी होय
ने काले मोटो राजा थई जाय, – ए क््यां ज्ञाननुं काम छे? ने एमां क््यां कांई नवुं छे?
ए तो जड–पुद्गलनी रमत छे. आत्मा तो ज्ञानस्वरूप छे, तेमां नथी तो पुण्य के नथी
पाप; पुण्य–पापना कारणरूप राग पण तेना ज्ञानस्वभावमां नथी. आवा पोताना
स्वरूपने करोडो उपाये पण ओळखवुं, अने जगतना झंझट छोडीने अंतरमां तेने
ध्याववुं – ते ज लाखो वातोनो सार छे. एना वगर बीजी लाखो वातो भले करे पण
ए ‘वाते वडा थाय तेम नथी. ’ ज्ञानस्वरूप आत्मानो निर्णय करीने सम्यग्द्रर्शन ने
सम्यग्ज्ञान प्रगट करतां जन्म–मरणना फंदा छूटी जाय छे, माटे ते ज सार छे. आवा
सम्यग्द्रर्शन–ज्ञान वगरनी बीजी लाखो वातो ते बधी असार छे, तेमां कांई सार नथी.
माटे स्वसन्मुख थईने आत्माने ध्याव.
जुओ, आ ज मुमुक्षुए करवा जेवुं कर्तव्य छे. – क््यारे? के सदाय. ‘नित आतम
ध्यावो’ आत्माने सदाय पुण्य–पापथी भिन्न ज्ञानस्वरूपे ज भाववो. पुण्यना फळथी हुं
सुखी ने पापना फळथी हुं दुःखी – एम एक क्षण पण न भाववुं; पण बंनेथी भिन्न
एवा पोताना चैतन्यस्वरूप आत्माने सदाय भाववो, तेनी श्रद्धा–ज्ञान करीने