Atmadharma magazine - Ank 359
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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: ४ : आत्मधर्म : भाद्रपद र४९९ :
[पू. बहेनश्री चंपाबेनना जन्मोत्सवनुं मंगल–गीत]
मंगलकारी * ‘तेज’ दुलारी पावन मंगल मंगल है,
मंगल तव चरणोंसे मंडित अवनी आज सुमंगल है... मंगलकारी
श्रावण दूज सुमंगल उत्तम, ×वीरपुरी अति मंगल है.
मंगल मातपिता, कुल मंगल, मंगल धाम रु आंगन है;
मंगल जन्ममहोत्सवका यह अवसर अनुपम मंगल है... मंगलकारी
मंगल शिशुलीला अति उज्जवल, मीठे बोल सुमंगल है,
शिशुवयका वैराग्य सुमंगल, आतम–मंथन मंगल है;
आतमलक्ष लगाकर पाया अनुभव श्रेष्ठ सुमंगल है... मंगलकारी
सागर सम गंभीर मति–श्रुत ज्ञान सुनिर्मल मंगल है,
समवसरणमें कुंदप्रभुका दर्शन मनहर मंगल है;
सीमंधर–गणधर–जिनधुनिका स्मरण मधुरतम मंगल है... मंगलकारी
शशि–शीतल मुद्रा अति मंगल, निर्मल नैन सुमंगल हैं,
आसन–गमनादिक कुछ भी हो, शांत सुधीर सुमंगल है,
प्रवचन मंगल, भक्ति सुमंगल, ध्यानदशा अति मंगल है... मंगलकारी
दिनदिन वृद्धिमती निज परिणति वचनातीत सुमंगल है,
मंगलमूरति–मंगलपदमें मंगल–अर्थ सुवंदन है;
आशिष मंगल याचत बालक, मंगल अनुग्रहद्रष्टि रहे,
तव गुणको आदर्श बनाकर हम सब मंग
लमाल लहें... मंगलकारी
* तेजबा = पूज्य बहेनश्री चंपाबेननां मातुश्री
× वीरपुरी = पूज्य बहेनश्री चंपाबेननुं जन्मस्थान वर्धमानपुरी (वढवाण शहेर)