Atmadharma magazine - Ank 360
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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: १८ : आत्मधर्म : आसो र४९९ :
बंने भाईओ अत्यंत हताशपणे, माता–पिताना पगे पडी, वंदन करी, तेमनी रजा
लईने नगर बहार चाल्या. (अरे, त्रणखंडना ईश्वर माता–पितानेय न बचावी
शक््या.) बहार आवीने जोयुं. –तो शुं देख्युं? सुवर्णरत्नमयी द्वारकानगरी आखी
भडभड सळगी रही छे– घरे घरे आग लागी छे, राजमहेलो भस्म थया छे. त्यारे बंने
भाईओ एकबीजाना कंठे वळगीने रोवा लाग्या... ने दक्षिणदेश तरफ जवा लाग्या.
(जुओ, आ पुण्यसंयोगनी दशा!)
आ बाजु द्वारकापुरीमां तेमना पिता वसुदेव वगेरे अनेक यादवो, तेमनी
राणीओ वगेरे प्रायोपगमन–सन्यास धारण करीने देवलोकमां गया. बळदेवना केटलाक
पुत्रो वगेरे जेओ तद्भवमोक्षगामी हता, तेमज संयम धारवानो जेमनो भाव हतो
तेमने तो देवो नेमनाथ भगवाननी नीकट लई गया; अनेक यादवो अने तेमनी
राणीओ जेओ धर्मध्यानना धारक हता अने जेओनुं अंतःकरण सम्यग्दर्शनवडे शुद्ध हतुं
तेओए प्रायोपगमन–संन्यास धारण करी लीधो, तेथी तेमने तो उपसर्ग आर्त्त–
रौद्रध्याननुं कारण न थयो, धर्मध्यानपूर्वक देह छोडीने तेओ स्वर्गमां गया. देवकृत–
मनुष्यकृत–तिर्यंचकृत के कुदरती उपजेल–ए चार प्रकारना उपसर्ग छे, ते मिथ्याद्रष्टि
जीवोने तो रौद्रध्याननुं कारण थाय छे, पण सम्यग्द्रष्टि जीवोने कदी कुभावनुं कारण थता
नथी. जेओ साचा जिनधर्मी छे तेओ मरण आवतां पण कायर थता नथी. गमे त्यारे
गमे ते प्रकारे मरण आवे तोपण तेमने धर्मनी द्रढता ज रहे छे. अज्ञानीने मरण वखते
कलेश थाय छे तेथी कुमरण करीने ते कुगतिमां जाय छे. अने जे जीव सम्यग्दर्शनवडे शुद्ध
छे, जेनां परिणाम उज्जवळ छे ते जीव समाधिपूर्वक मरण करीने स्वर्गमां जाय छे ने
परंपरा मोक्षने पामे छे. जे जिनधर्मी छे तेने एवी भावना रहे छे के, आ संसार
अनित्य छे, तेमां जे ऊपजे छे ते जरूर मरे छे, – माटे अमने समाधिमरण हो; उपसर्ग
आवी पडे तोपण अमने कायरता न थाओ. –आम सम्यग्द्रष्टिने सदा समाधिभावना
रहे छे. धन्य छे ते जीवोने–के अग्निनी प्रचंड ज्वाळा वच्चे देह भस्म थवा छतां जेओ
समाधिने छोडता नथी; कलेवरने तजे छे पण समताने नथी तजता. अहो, सत्पुरुषोनुं
जीवन निज–परना कल्याण माटे ज छे; मरण आवे तोपण तेओ कोई प्रत्ये द्वेष
चिंतवता नथी, क्षमाभाव सहित देह छोडे छे, –ए संतोनी रीत छे.
अरे, द्विपायन! जिनवाणीनी श्रद्धा छोडीने तें तारो तप पण बगाडयो ने मरण
पण बगाडयुं; तें पोतानो घात कर्यो ने अनेक जीवोनो पण प्रलय कर्यो. दुष्ट