: कारतक : २५०० आत्मधर्म : ७ :
किरणो सहित झगझगाट करतो चैतन्यसूर्य ऊग्यो.....अनंता निधान पोतामां प्रगट्या
शक्तिमां आनंदनिधान भर्या हता ते पर्यायमां झरझर झरवा लाग्या...ते आत्मा धर्मी
थयो, मोक्षनो साधक थयो.
आहाहा! आ दशानी शी वात! ते दशा खीलतां–खीलतां ज्यां केवळज्ञाननुं पूर्ण
प्रभात खील्युं तेनी शी वात! भाई, आ तारा पोतानां गाणां गवाय छे; जे कहेवाय छे
ते बधुं तारामां भर्युं छे. तेमां अंतर्मुख थतां पर्यायमां ते खीली जाय छे.–ए आनंदमय
सुप्रभात छे, ते शांतिनुं अपूर्व वर्ष बेठुं.–आ बेसतावर्षना अपूर्व लाडवा पीरसाय छे,
तेमां आनंदरसनो स्वाद छे.
जेम सोना–रूपाना सिक्का थाय छे तेम धर्मी जीवे अंतरनी शक्तिमांथी जे
शुद्धपर्याय प्रगट करी तेमां अतीन्द्रिय आनंदनी छाप छे; सम्यक्श्रद्धानो सोनेरी सिक्के
तेना आत्मामां लागी गयो, मोक्षनो सिक्को लागी गयो. हुं तो अनंत आनंदनो समुद्र
छुं–एम श्रद्धा करीने ज्यां आनंदमय स्वसंवेदननो सिक्को लगाव्यो ते जीव हवे
अल्पकाळमां अनंतगुणमय केवळज्ञान–प्रभातथी खीली जशे, ने मोक्ष पामशे.
साधकने एवी शुद्धदशा थई के मिथ्यात्व–अंधकारनो नाश थयो, आनंदमय
ज्ञानप्रकाश खील्यो, तेनी धारा अतिशयपणे मोक्ष तरफ चाली. धर्मीनी ज्ञानधारा
रागादिथी जुदी छे–अधिक छे–माटे ते ज्ञानधाराने अतिशयपणुं छे. तेनुं सम्यग्दर्शन
वीतराग छे, तेनुं सम्यग्ज्ञान पण वीतराग छे. आम वीतरागरसनी झरझर धारा तेने
निरंतर वर्ते छे. आवुं सम्यग्दर्शन थयुं त्यां सोनानो सूरज ऊग्यो; जेम सोनामां काट न
होय तेम सम्यग्दर्शन थतां जे ज्ञानधारा प्रगटी ते शुद्ध छे, तेमां रागादि विकाररूप काट
नथी.–राग वगरना चैतन्यप्रकाशथी ते अतिशय शोभे छे.
* आवुं आनंदमय चैतन्यप्रभात जयवंत वर्ते छे. *
सम्यग्दर्शन थतां आत्मामां शुद्धपरिणति प्रगटी ते ज सुप्रभात छे. ते
परिणतिमां आनंद पण भेगो ज छे. संतोनी वाणी आत्माना आवा स्वरूपने बतावे
छे. केवळीप्रभुनी वाणी हो, के गणधरनी, मुनिनी के ज्ञानी–सम्यग्द्रष्टि गृहस्थनी वाणी
हो; तेमां एवुं स्वरूप आव्युं छे के जे स्वरूप समजतां आनंददशासहित आत्मा खीली
जाय छे. रागथी लाभ थाय–एवी वाणी संतोनी नथी. जे समजवाथी रागनो नाश थाय
ने वीतरागता खीले एवी वाणी संतोनी छे. वीतरागी संतोनी वाणी वीतरागता–
पोषक होय, आनंदनी दातार होय. ज्यां वाणीमां कहेलुं चैतन्यतत्त्व काने पड्युं के अंदर
फडाक सम्यग्ज्ञान थईने आनंदमय प्रभात खीली जाय छे. आवी आनंदपर्यायमां
सुस्थित आत्मा शोभे छे. ते अपूर्व मंगलमय सुप्रभात छे.