: २८ : आत्मधर्म : पोष : रप००
स...मा...चा...र– (अनुसंधान टाईटल पानुं २)
× उत्सव वखते ज्यारे आप सोनगढ पधारो त्यारे, टोर्च–बेटरी, लोटो–ग्लास,
पाणीनी डोल अने पागरण साथे लावशो–जेथी आपने सुविधा रहेशे. जोखमी
दागीना जेम बने तेम न लावशो, केमके ते वखते सोनगढना उत्सवमां
पंचकल्याणकनी शोभा ज एवी अद्भुत हशे के बीजी शोभानी कोई जरूर ज
नहि रहे.
× कंकोतरी मोकलवा माटे आपना गामना मुमुक्षुमंडळनुं जिनमंदिरनुं तेमज
प्रमुखश्रीनुं सरनामुं लखी मोकलशो. –जेथी कोई बाकी न रही जाय.
× आ महान उत्सव दरमियान जैनधर्मना प्रचार अने प्रभावना संबंधी आपना
सुझाव विचार अने योजनाओ नीचेना सरनामे तुरतमां लखी मोकलवा
निमंत्रण छे: ब्र. हरिलाल जैन, प्रचारविभाग, सोनगढ : (३६४रप०)
× परमागम–मंदिरनी दिवालोमां, आरसमां कोतरेला पचास जेटला वैराग्यप्रेरक
चित्रो लगाडवाना छे;– जाणे के तीर्थंकरोना जीवनने ज नजरे नीहाळता
होईए–एवुं वातावरण ए चित्रो द्वारा खडुं थशे. ते चित्रोनुं आलेखन कार्य
पूरुं थयुं छे, ने आरसमां कोतरवानुं काम चाली रह्युं छे.
× उत्सव वखते हजारो हिंदीभाषी साधर्मीओ आवशे, एटले तेमनी सुविधा माटे
गुरुदेवना प्रवचनो हिंदीभाषामां थशे. उत्सव बाद केटलाक दिवसो गुरुदेव
सोनगढमां ज बिराजशे. गढडा शहेरमां वेदी–प्रतिष्ठानुं मूरत फागणमासमां
राखेल नथी; एटले गुरुदेवना विहारनो कार्यक्रम हजी निश्चित थयो नथी. नक्की
थये जणाववामां आवशे.
एक खास सूचना–
प्रतिष्ठा महोत्सव अंगे मालसामाननी खरीदी शरू थई गई छे. तो आ अंगे जे
मुमुक्षु भाई–बहेनोए लोन लखावी होय ते रकमनो “श्री परमागम मंदिर प्रतिष्ठा
महोत्सव समिति” ए नामनो बेन्क ओफ ईन्डीया–सोनगढनो, अगर भावनगरनी
गमे ते बेन्क उपरनो, ड्राफट के रोकडा तुरत ज मोकलवा विनंती छे.
सोनगढ–ओफिस लि. नवनीतलाल सी. जवेरी
T. F. No. 34 प्रमुखश्री–श्री प्रतिष्ठा–महोत्सव समिति
तारनुं सरनामुं C/o. श्री दि. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट
PARMAGAM. SONGAD सोनगढ सौराष्ट्र (३६४रप०)