Atmadharma magazine - Ank 364
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).

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: महा : रप०० आत्मधर्म : २५ :
... कायरनुुं नहीं काम जो...
ऊभा रहो!
लडाईमां जतां जतां
मारा मोढानो राग
रही जशे...तो युद्धमां
तमे केम जीतशो? ल्यो,
आ माथुं भेगुं लई
जाव! एम कही
शूरवीर रजपूताणीए
माथुं कापीने पति सामे
धरी दीधुं..
माता पण
शूरातन चडावतां कहे
छे–अरे कायर!
अत्यारे युद्धटाणे तुं
स्त्रीना रागमां
रोकायो? राग छोड....
ने युद्धमां जीतवा माटे
शूरवीर था!
बस, मातानां वेण
सांभळतांवेंत वीरता
जागी ऊठी; रागना
बंधन तोडीने शत्रु पर
विजय मेळववा
ऊछळ्‌यो....ने दुश्मनो
दूर भाग्या!
वीरनो
मोक्षमार्ग समजवा
माटे गुरुदेवनुं प्रवचन २६ मा पाने वांचो.