Atmadharma magazine - Ank 364
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).

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: ३६ : आत्मधर्म : महा : २५००
वाराणसी (काशी) ना. पं. फूलचंदजी सिद्धांतशास्त्री लखे छे:–
“श्री परमागम मंदिरका निर्माण दिगंबर परंपरामे एक आदर्श अनुकरणीय
अपूर्व घटना है! सोनगढने यह कार्य कर पूरे समाजके सामने एक नया आदर्श
उपस्थित किया है! मेरा ईस महान कृतिके प्रति साष्टांग प्रणाम.”
–वाराणसी (काशी) पं. फूलचंदजी सिद्धांतशास्त्री
अजमेरना शेठश्री भागचंदजी सोनी लखे छे :
जिनेन्द्रभगवाननी रथयात्रा माटे अजमेरनो सुप्रसिद्ध भव्य रथ आपणे
मंगावेल, तेनी संमति आपतां शेठश्री भागचंदजी सोनी लखे छे के सोनगढमें
परमागम मंदिर एवं बृहत् पंचकल्याणक प्रतिष्ठोत्सवके सुसमाचार अवगत कर
अत्यन्त प्रसन्नता हुई.
केन्द्रीय प्रबंध समितिनी बेठक सोनगढमां :–
ओल इंडिया दिगंबर भगवान महावीर २५०० मा निर्वाण–महोत्सव
सोसायटीनी प्रबंधसमितिनी बेठक ता. ५ मार्च १९७४ ना रोज सोनगढमां समितिना
अध्यक्षश्री शाहू शांतिप्रसादजी जैननी अध्यक्षतामां थशे. तेनी साथे गुजरात–
सौराष्ट्रनी प्रदेशसमितिनी मिटिंग पण थशे.
गुजरात–सौराष्ट्र मुमुक्षु मंडळोने खास सूचना के आपना गाममांथी केटला
मुमुक्षुभाई–बहेनो उत्सवमां पधारशे, तेनी संख्यानो अंदाज वेलासर (ता. १५ सुधीमां
चोक्कस लखी मोकलशो. तेमज समितिनी भोजनशाळामांं पण अगाउथी खबर लखवा
खास विनंती छे. –परमागम महोत्सव कमिटि, सोनगढ (सौराष्ट्र)
परमागम–महोत्सव कमिटिना सभ्योने–
प्रतिष्ठा–महोत्सव कमिटि तरफथी खास निवेदन करवामां आवे छे के सोनगढमां
प्रतिष्ठा–महोत्सवनी तैयारीओ पूर्ण करवा माटे एक जरूरी मिटिंग ता. २४–२–७४
(फागण सुद बीज ने रविवारना रोज रात्रे साडा आठ वाग्ये राखवामां आवी छे. तो
आ मिटिंगमां बधा कार्यकरोए जरूर हाजर रहेवा विनति छे.) फागण सुद बीज ए
सोनगढ जिनमंदिरनी ३४ मी वर्षगांठनो पण दिवस छे. अने त्यारपछी कार्य–व्यवस्था
संभाळवा माटे उत्सव पूरो थतां सुधी सोनगढ रहेवानुं छे. –प्रतिष्ठा–महोत्सव कमिटि