प्रेरणाओ मेळवी छे; अने वैराग्यपूर्वक, जीवनमां निवृत्तिथी आत्महित
साधीए–एवी भावनाथी ते बहेनोए ब्रह्मचर्यप्रतिज्ञा अंगीकार करी छे.
मुमुक्षुना जीवननुं जे सत्य ध्येय छे ते ध्येयना मार्गे आगळ वधीने
अमारी आ ब्र. बहेनो पोतानुं आत्महित शीघ्र साधो–एवी शुभेच्छा
साथे ते बहेनोने धन्यवाद!
आजे थाय छे;–कुल ६र ब्र. बहेनो थयां छे. आ बधो प्रताप चंपाबेननो
छे–एम कहीने पू. बेनश्री चंपाबेननी अंतरंग आत्मदशानो महिमा
प्रसिद्ध कर्यो हतो;–जे सांभळतां सर्वे सभाजनोने घणी प्रसन्नता थई
हती विद्वान भाईश्री हिंमतलाल जे. शाहे समाजवती ब्र. बहेनोने
अभिनंदन आप्या हतां. बहेनो! आपणुं ध्येय घणुं महान छे.... प्रभु
श्री वीरनाथना वीतराग मार्गे आपणे जवानुं छे.... एटले राग–द्वेषना
कोई प्रसंगमां क््यांय अटक्या वगर, संतोए आपणने जे पवित्र
चैतन्यतत्त्व बताव्युं छे ते परमब्रह्म चैतन्यतत्त्वना ध्येये आनंदमय
आत्मजीवन प्राप्त करजो.