जाणे आनंदनो वरसाद वरसी रह्यो होय एवुं लागे छे.
२. आपना आत्मिकभावोमां पण कोई अनेरूं परिवर्तन थई रह्युं छे.
३. माता, आपना सान्निध्यथी अमने पण उत्तम भावनाओ जागे छे.
४. माता, जगतमां माताओ तो अनेक छे; पण आ भरतक्षेत्रमां तीर्थंकरनी माता
६. अहो, स्त्रीपर्यायमां पण आत्मानी साधना थई शके छे.
७. अरे, पंचमकाळनी स्त्रीओ पण आत्मसाधना करशे, तो आ चोथा काळमां
९. तेवीस तीर्थंकरो तो थई गया. हवे २४ मा तीर्थंकरनो अवतार थशे.
१०. अने तीर्थंकरप्रभुना शासनमां लाखो जीवो आत्मानुं कल्याण करशे.
११. तीर्थंकरना शासनमां गणधरो पाकशे ने हजारो मुनिओ पण पाकशे.
१२. आत्माने जाणनारा लाखो श्रावको ने श्राविकाओ पण पाकशे.
१३. पंचमकाळमां पण जैनधर्मनी धारा अखंडपणे चाल्या करशे.
१४. अहो; तीर्थंकरना अवतारथी आपणुं वैशाली राज्य धन्य बनशे.