Atmadharma magazine - Ank 367
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).

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: वैशाख: २५०० आत्मधर्म : १३:
१. राजा द्वारा ४० लूटारानुं मरण थवा छतां तेने ओछी हिंसा लागी
अने ते स्वर्गमां गयो.
२. लूटाराओ द्वारा कोई न मर्युं छतां तेओने तीव्र हिंसा लागी अने
नरकमां गया.
३. वीतरागभावमां स्थित मुनिराज अहिंसक रह्या ने मोक्ष पाम्या.
आ उपरथी नक्की थाय छे के जेटलो राग तेटली हिंसा छे; अने जे
वीतरागभाव छे ते ज अहिंसा छे. आ अहिंसा ते मोक्षनुं कारण होवाथी
परम धर्म छे.