स्वादथी भरेलो आपनो उपदेश, आवी महानताने जे ओळखे छे ते तो आपना
मार्गमां चालवा मांडे छे. अने तेना चित्तमां आप बिराजो छो, ते ज आपने पूजे छे.
आपनी महानताने जे न ओळखी शके ते आपने क््यांथी पूजी शके? प्रभो! अमे तो
वधीए छीए.
आत्मानी ओळखाण करी तेने साधवानो छे. आत्मानी अनुभवदशा वडे ज मोक्ष
सधाय छे. आ वीरनो मार्ग छे ने आ वीरनो उपदेश छे. आवा मार्गनी ओळखाण
करीने ते पोतामां प्रगट करे तेनो अवतार सफळ छे. तेणे महावीर भगवानने खरेखर
ओळख्या, अने तेणे पोतामां महावीरना वीतरागर्मागने प्रसिद्ध कर्यो. आ रीते
मोक्षमार्गनी प्राप्ति ते तेमनी ओळखाणथी थतो मोटामां मोटो लाभ छे.
महावीरप्रभु बिराजी रह्या छे, ने तेमना दिव्यध्वनिने
शास्त्ररूपे गूंथीने कुंदकुंदप्रभु भव्य जीवोने निजवैभवनी
महान भेट आपी रह्या छे. साथे कुंदकुंदप्रभुना बे हाथ जेवा
बे मुनिभगवंतो–अमृतचंद्राचार्य अने पद्मप्रभमुनिराज पण
पधारीने परमागममंदिरमां बिराज्या छे.
तेथी ज अहीं साक्षात् पधारीने आज आप अमने
आशीर्वाद आपी रह्या छो. कहानगुरुना हैयामां आपना
प्रत्ये जे उमळको ऊठे छे–ते कोना जेवो छे? जेवी ऊर्मि
सीमंधरप्रभुने देखीने आपने थई हती तेना जेवी उर्मिनो
उमळको आजे अमने आपने देखीने थाय छे.