Atmadharma magazine - Ank 369
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).

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: अषाढ : २५०० आत्मधर्म : ११ :
बापु! चैतन्यतत्त्वने रागनुं कार्य सोंपवुं ते खोटनो धंधो छे. चैतन्यतत्त्वमां तो
वीतरागी शांतिनुं कार्य थाय एवो स्वभाव छे, तेने बदले तेने तें शुभाशुभरागनुं कार्य
सोंप्युं–तेमां तें तारा चैतन्यनी हिंसा करी छे. जेणे आत्माने रागवाळो मान्यो तेणे
रागनो कर्ता थईने चैतन्यभावने हणी नांख्यो छे. राग तो उपाधिरूप छे, ते कांई
चैतन्यनो गुण नथी; चैतन्यगुणने भूलीने अज्ञानी अशुद्धभावने करे छे; ते जडने
करतो नथी के शुद्धभावने पण अनुभवतो नथी. ते मात्र पोताना अशुद्ध भावनो ज
कर्ता थईने ते–रूपे परिणमे छे. जेम साचा–खोटा मालनी भेळसेळ करवी ते गुन्हो ने
काळाबजार छे, तेम आत्मामां शुद्धचैतन्यने अने अशुद्धरागादिने भेळसेळ करीने
अज्ञानी गुन्हो करे छे, ते पोताने अशुद्ध ज अनुभवतो थको संसारमां रखडे छे.–आवा
अज्ञानभावमां रागादि अशुद्धभावनुं कर्तापणुं छे–एम बतावीने ते छोडाववा माटे आ
वात छे. भाई, ज्ञानमां रागनी भेळसेळनो ऊंधो धंधो तुं छोडी दे. ज्ञानने अने रागने
जुदा जाणीने, विकल्पोनुं कर्तृत्व तुं छोडी दे. आतमराममां रागने हराम कर. राग ए
आत्मारामनी जात नथी पण हरामनी जात छे–कर्मनी जात छे.–माटे तेने जुदा जाणीने
तेनुं कर्तृत्व छोड. जेमां जे तन्मय थाय, जेमां जेने सुख लागे, तेनो ते कर्ता थाय.
रागनो जे कर्ता थाय ते तेमां तन्मय थईने मिथ्यात्वरूपे परिणमे छे. शांति ने अनाकुळ
आनंदथी भरेलुं चैतन्यतत्त्व तेनी द्रष्टिमां–अनुभूतिमां आवतुं नथी, एटले रागादि
अशांत भावोनो ते कर्ता थाय छे.
शांत–अनाकुळ चैतन्यतत्त्व, अने रागादि अशांत भावो–ए बंनेने एकता नथी,
जुदाई छे; नहितर तो चैतन्यतत्त्व अने आस्रवतत्त्व एक थई जाय. जेम चैतन्यमां
जडनो अभाव छे, छतां तेने जड साथे एकता मानवी के जड साथे कर्ताकर्मपणुं मानवुं
ते अज्ञान छे, ने एवो अज्ञानीजीव मिथ्यात्व–रागादि अशुद्ध परिणामरूपे परिणमतो
थको तेनो कर्ता थाय छे. ने धर्मीजीव रागथी भिन्न पोताना ज्ञानस्वभावने शुद्ध
अनुभवतो थको पोताना शुद्ध सम्यक्त्वादि ज्ञानभावने ज करे छे, पण रागादि
अशुद्धभावनो कर्ता थतो नथी.
आ रीते सम्यग्द्रष्टिजीव अने मिथ्याद्रष्टिजीव वच्चे परिणामनो घणो भेद छे.–
आ भेदने ज्ञानी ज जाणे छे. चैतन्यजात अने रागकजात–ए बंनेने एकता केम होय?
धर्मीजीव चैतन्यजातमां परिणामरूपे ज पोताने अनुभवतो थको तेनो ज कर्ता थाय छे.