प्रतिक्षा करता होय छे.
समारोहपूर्वक ऊजववानुं नक्की करवामां आव्युं हतुं.
निमंत्रणपत्रिका लखवाना प्रारंभनी मंगल विधि परमागममंदिरमां समग्र
मुमुक्षुमंडळनी उपस्थितिमां माननीय मुरब्बी श्री रामजीभाई माणेकचंद दोशीना शुभ
हस्ते करवामां आवी हती; पत्रिका समाज समक्ष वांची संभळाववामां आवी;
प्रसंगोचित मंगल गीतो तथा जयकारना मधुरा नादोथी ‘हीरक जयंती’ ना उत्सवनो
मंगल संदेश मुमुक्षुहैयामां गुंजतो थयो; मु. श्री रामजीभाई दोशीए पूज्य गुरुदेवना
पुनित करकमळमां निमंत्रणपत्रिका अर्पण करी; पत्रिका जोई–वांचीने, बहेनश्रीना
जन्मदिवसनी–६० मा वर्षनी पूर्तिना हीरक महोत्सवनी–उजवणी माटे पूज्य गुरुदेवे
अनुमोदनापूर्ण प्रसन्नता व्यक्त करी हती.
सुवर्णपुरीनुं वातावरण मंगल महोत्सवनी प्रतीक्षाथी गुंजतुं करी दीधुं हतुं; ते प्रसंगे
पण पूज्य गुरुदेवे प्रसन्नताथी गद्गदभावे हृदयोद्गार व्यक्त करतां कह्युं के–“बेनोने
चंपाबेन उपर केटलो प्रेम छे!! चंपाबेननो जन्मदिवस ऊजववा माटे बेनोमां केटली
बधी होंश–हरख छे!! ”
थई. त्रण दिवसना आ पुनितोत्सव निमित्ते स्थापनापूर्वक समागत ते पंच परमेष्ठी
भगवंतोनी विधिपूर्वक मंडलविधानपूजा जोडियावाळा श्री शांतिलाल तथा कांतिलाल
गिरधरलाल शाह तरफथी राखवामां आवी हती.