Atmadharma magazine - Ank 370
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).

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: र : आत्मधर्म : श्रावण–भाद्र : रप०० :
बहेनश्री प्रत्ये अति भक्तिप्रेमने लीधे, जन्मजयंती–उत्सवनी निमंत्रणपत्रिकानी
प्रतिक्षा करता होय छे.
आ वर्षे पूज्य बहेनश्री ६० वर्ष पूरां करीने ६र मा वर्षमां मंगल प्रवेश
करतां होवाथी, तेमनो जन्मदिवस “षष्टिपूर्ति हीरक जन्मजयंती महोत्सव” रूपे विशेष
समारोहपूर्वक ऊजववानुं नक्की करवामां आव्युं हतुं.
आ हीरक महोत्सवनो शुभ संदेश सुंदर निमंत्रणपत्रिका द्वारा भारतवासी बधां
मुमुक्षुमंडळो तथा विदेशवासी मुमुक्षुओने समयसर पाठववामां आव्यो हतो.
निमंत्रणपत्रिका लखवाना प्रारंभनी मंगल विधि परमागममंदिरमां समग्र
मुमुक्षुमंडळनी उपस्थितिमां माननीय मुरब्बी श्री रामजीभाई माणेकचंद दोशीना शुभ
हस्ते करवामां आवी हती; पत्रिका समाज समक्ष वांची संभळाववामां आवी;
प्रसंगोचित मंगल गीतो तथा जयकारना मधुरा नादोथी ‘हीरक जयंती’ ना उत्सवनो
मंगल संदेश मुमुक्षुहैयामां गुंजतो थयो; मु. श्री रामजीभाई दोशीए पूज्य गुरुदेवना
पुनित करकमळमां निमंत्रणपत्रिका अर्पण करी; पत्रिका जोई–वांचीने, बहेनश्रीना
जन्मदिवसनी–६० मा वर्षनी पूर्तिना हीरक महोत्सवनी–उजवणी माटे पूज्य गुरुदेवे
अनुमोदनापूर्ण प्रसन्नता व्यक्त करी हती.
एक सप्ताह पूर्व मुमुक्षुबहेनोए पूज्य गुरुदेवश्रीना प्रवचन पछी सभामां,
जन्मजयंतीना मंगल आगमननो संदेश सूचवतुं भावभीनुं मधुर गीत गाईने
सुवर्णपुरीनुं वातावरण मंगल महोत्सवनी प्रतीक्षाथी गुंजतुं करी दीधुं हतुं; ते प्रसंगे
पण पूज्य गुरुदेवे प्रसन्नताथी गद्गदभावे हृदयोद्गार व्यक्त करतां कह्युं के–“बेनोने
चंपाबेन उपर केटलो प्रेम छे!! चंपाबेननो जन्मदिवस ऊजववा माटे बेनोमां केटली
बधी होंश–हरख छे!! ”
प्रतीक्षित मंगल महोत्सवना शुभ दिवसो आव्या. उत्सवनी शोभामां अभिवृद्धि
करवा सर्वप्रथम पंच परमेष्ठी भगवंतोनी ‘मंडलविधानपूजा’ द्वारा मंगल पधरामणी
थई. त्रण दिवसना आ पुनितोत्सव निमित्ते स्थापनापूर्वक समागत ते पंच परमेष्ठी
भगवंतोनी विधिपूर्वक मंडलविधानपूजा जोडियावाळा श्री शांतिलाल तथा कांतिलाल
गिरधरलाल शाह तरफथी राखवामां आवी हती.
श्रावणी पूर्णिमा–वात्सल्यधर्मनुं पर्व–आ मंगल उत्सवना प्रारंभनो दिवस.