एक सन्नारी की कथा सुनाते हैं’...वगेरे सुमधुरां गीतोथी गुंजतुं हतुं. खरेखर
भारतवर्षनी आ युगनी अध्यात्मज्ञानानुभूतिभूषित सर्वश्रेष्ठ सन्नारीनी जन्मजयंती
ऊजववा मुमुक्षुजनो आनंदविभोर थया हता. आ उत्सवने दीपाववा श्री जिनमंदिर,
परमागममंदिर तथा ब्रह्मचर्याश्रम विद्युत–प्रसाधनोथी शणगारवामां आव्यां हतां.
हीरकज्योति समा विद्युतसाथिया तथा विविधरंगी विद्युतशणगार आ मंगल प्रसंगनी
शोभामां अभिवृद्धि करता हता.
जन्मवधाईनां सुमधुर गीतोथी तथा जयकारना मंगल नादोथी आश्रमनुं वातावरण
आनंदविभोर थई गयुं हतुं. पूज्य गुरुदेवना मंगल प्रवचन पहेलांं ब्रह्मचारी बहेनोए
प्रासंगिक गीत द्वारा तेमना परमाधार पूज्य बहेनश्री प्रत्ये श्रद्धा–भक्ति अभिव्यक्त
करीने आजना मंगल महोत्सवनुं मंगलाचरण कर्युं हतुं.
केसरनुं तिलक करी, तेमणे तथा तेमना परिवारे हीरक जयंतीना प्रतीकरूपे हीरा–पन्ना–
सुवर्ण–पुष्पो वगेरेथी वधावी, पूज्य गुरुदेवना मंगल सान्निध्यमां तथा विशाळ
मुमुक्षुसमुदायनी उपस्थितिमां पूज्य बहेनश्रीनुं अति भावपूर्ण बहुमान कर्युं हतुं. आ
धन्य प्रसंग अद्भुत आश्चर्यकारी हतो. ते प्रसंगनी पूज्य बहेनश्रीनी प्रशमरसझरती
उदासीन निस्पृह मुद्रा जोईने पूज्य गुरुदेवे पण अहोभावथी कह्युं के, चंपाबेन तो
खरेखर महान धर्मरत्न छे,..प्रशमरसनो ढाळो छे,...तेमने बहारनु्रं आ बधुं कांई गमतुं
नथी, पण भक्तोने तो भक्तिप्रेमथी तेमनुं बहुमान करवाना भाव आवे ने!!
बहेनश्रीना भूत–वर्तमान–भावी–एम त्रण भवना संकेत सूचवती सुंदर कळापूर्ण
‘रौप्यकृति’ पू. बहेनश्रीना करकमळमां समर्पित करी हती; ते प्रसंगे श्री प्रभाबेने सकल
महिलासमाज वती श्रद्धांजलिभर्युं भाववाही वक्तव्य प्रस्तुत कर्युं हतुं. पू.