मात्र पंदर रूपियामां घेर बेठा मळी शके छे. तो सेंकडो–हजारोनी संख्यामां ते पुस्तिका
मंगावीने दीवाळीप्रसंगे उत्तम लाणी करो. बाळकोने पेंडा करतां आ पुस्तक वधु गमशे.
मोकलवानुं जिज्ञासुओने वधु गमशे. पांच पुस्तिका एक साथे मोकलवानुं पोस्टेज खर्च
(प्रीन्टेड बुक तरीके) मात्र दश पैसा लागे छे.
नीचेना बोल विशेष उपयोगी होवाथी अहीं आपवामां आवे छे. (श्रीमद्
राजचंद्रना पुस्तकनी बीजी आवृत्ति जे ई. स. १९६४ मां प्रसिद्ध थयेल छे तेमां
आ लखाण छे.)
• स्वद्रव्यना रक्षक त्वराथी थाओ.
• स्वद्रव्यना व्यापक त्वराथी थाओ.
• स्वद्रव्यना धारक त्वराथी थाओ.
• स्वद्रव्यना रमक त्वराथी थाओ.
• स्वद्रव्यना ग्राहक त्वराथी थाओ.
• स्वद्रव्यनी रक्षकता उपर लक्ष राखो.
• परद्रव्यनी धारकता त्वराथी तजो.
• परद्रव्यनी रमणता त्वराथी तजो.
• परद्रव्यनी ग्राहकता त्वराथी तजो.
• परभावथी विरक्त था.