Atmadharma magazine - Ank 372
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).

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: आसो : २५०० आत्मधर्म : १ :
आ दीवाळीए भगवान महावीर मोक्ष पधार्या तेने
अढीहजार वर्ष पूर्ण थशे; तेथी दीवाळीथी (बुधवार ता. १३
नवेम्बर १९७४ थी) शरू करीने पूरा एक वर्ष सुधी भारतभरमां
जे अभूतपूर्व महान उत्सव उजववानो छे तेनो मंगल प्रारंभ आ
दीवाळीथी शरू थाय छे. अहा, आवा मंगलोत्सवमां कोने आनंद न
थाय? दीपावलीपर्व एटले भगवानना मोक्षनुं मंगलपर्व; ते
आपणने महावीरप्रभुना आदर्शोनुं स्मरण करावीने मोक्षपंथनी
प्रेरणा आपे छे. वीरप्रभुए बतावेला मार्गे रत्नत्रय–दीवडा प्रगट
करीने आपणे पण तेमना पंथे जईए–एवी मंगलभावना साथे
अहीं भगवान महावीरना जीवननुं संक्षेपमां दिग्दर्शन करावीए
छीए. (–सं.)
मंगल दीपावली....आसो वद अमासनुं परोढियुं...(चौदशनी
पाछली रात.) आखुंय भारत आजे अनेरा आनंदथी आ दीपोत्सव
ऊजवी रह्युं छे. शेनो छे आ मंगळ दीपोत्सव?