अवसर आव्यो छे आनंदमय निर्वाणमहोत्सवनो!
महावीरनाथ फरी पधार्या छे मोक्षनो मार्ग बताववा!
मोक्षने साधवानो आ आनंदमय अवसर चुकशो मा.
भगवान महावीर! आप अढीहजार वर्षथी सिद्धालयमां बिराजी
ने मोक्षमार्ग उपदेशता हता...भव्यजीवो ते ईष्ट उपदेश झीलीने
पड्युं...छतां हे भगवान! अमने तो एम ज लागे छे के आजेय आप
अमारी सन्मुख ज बिराजी रह्या छो ने अमने मोक्षमार्ग उपदेशी रह्या
छो....अमे ते झीलीने आपना मार्गे आवी रह्या छीए. वाह! केवो सुंदर
छे आपनो मार्ग! वीतरागताथी ते आजेय केवो शोभी रह्यो छे!
अढीहजार वर्ष वीतवा छतांय आपनो मार्ग तो आजेय चालु ज छे.
अहा, आवो अद्भुत आनंदमार्ग आपे बताव्यो तेथी आपना उपकारने
अमे कदी भूलवाना नथी. हे मोक्षमार्गना नेता! परम भक्तिभावभीनी
अंजलिवडे आपने पूजिए छीए–वंदीए छीए.