
अत्यंत भयभीत वर्ते छे. मारा जीवनमां कोई नानुं पाप पण न हो, ने उज्जवळ
वीतरागी जीवन हो–एवी भावना होय छे.
पवित्रताथी शोभी ऊठशे.
दान वधारो......................... मान नहीं.
ज्ञान लो.................... कोईनो जीव नहीं.
भावना धर्मनी करो............... धननी नहीं.
जिनमार्गमां चालो.................... कुमार्गमां नहीं.
वीतरागताने धर्म समजो...... रागने नहीं.
पुन्यने संसारनुं कारण समजो मोक्षनुं नहीं.
जीवन योग माटे छे..... भोग माटे नहीं.
जिनबिंबने जुओ.......... सिनेमा नहीं.
गळेलुं पाणी पीओ.............. बीड नहीं.
मोहने हणो.................... जीवने नहीं.
धनने छोडो.................... धर्मने नहीं.
दोषने भूलो.................... गुणने नहीं.
गुणीयलनुं अनुसरण करो............... ईर्षा नहीं.
मोक्ष करो.................... बंधन नहीं.
मोहथी डरो.................... मोतथी नहीं.