Atmadharma magazine - Ank 376
(Year 32 - Vir Nirvana Samvat 2501, A.D. 1975)
(Devanagari transliteration).

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: : आत्मधर्म : महा : २५०१
आनंदना अनुभवमां लीन थया ने केवळज्ञान पामीने ज्यां चैतन्यनुं अमृत वरसाव्युं–
ते सहेसावनमां जशुं...ने पछी ज्यांथी भगवान मोक्ष पधार्या ते पांचमी टूंके जशुं. त्यां
सिद्धपदने याद करीने तेनी भावना भावशुं.
[अहा, जे वनमां भगवाने दिव्यध्वनिवडे चैतन्यनुं अमृत वरसाव्युं ते वनमां
सहस्रआम्रवृक्षमां हजारो आंबा पाक्या...तो ते प्रभुना उपदेशने झीलनारा
भव्यजीवोना चैतन्यवनमां सम्यग्दर्शन–ज्ञान–आनंदना अतीन्द्रिय आंबा पाकी जाय–
एमां शुं आश्चर्य!
]
भगवाननुं नाम पण मंगळरूप छे; तेमनुं आत्मद्रव्य त्रिकाळ मंगळरूप छे;
भगवान अहीं विचर्या तेथी आ गीरनारक्षेत्र पण मंगळरूप छे, ने आत्मानी दशा
(सम्यग्दर्शनादि पण मंगळरूप छे. आ रीते गीरनारयात्रामां मंगळ कर्युं. भगवानना
आत्माने ओळखे तेने पोतामां पण मंगळ प्रगटे; ने मोक्षधामनी यात्रानो प्रारंभ थाय.
ए खरी यात्रा छे.
वीर सं. २४८७ मां जामनगरमां पंचकल्याणक प्रतिष्ठामहोत्सव ऊजवीने पू.
गुरुदेव हजार उपरांत यात्रिकोना संघ सहित श्री गीरनारजी–तीर्थधामनी यात्राए
पधार्या....अने माह सुद ११–१२ ना रोज महान उल्लास अने भक्तिपूर्वक तीर्थधामनी
यात्रा करी. गुरुदेवनी साथे जेम जेम जुनागढनी नजीक आवता हता तेम तेम
गीरनारधामने नीहाळी नीहाळीने नेमप्रभुना स्मरणो हृदयमां ताजा थता हता.
सौराष्ट्रनुं सौथी ऊंचुं स्थान, अने नेमप्रभुना त्रण कल्याणकथी पावन होवाने लीधे
सौराष्ट्रनुं सौथी महिमावंत धाम तेने नीहाळतां उन्नत–ज्ञान वैराग्यभावनाओ जागती हती.
माह सुद ११ नी सवारमां साडापांच वागे नेमिनाथ भगवानना
जयजयकारपूर्वक कहान–गुरुदेवे यात्रा माटे गीरनार उपर प्रस्थान कर्युं. गुरुदेव साथे
गीरनारयात्रा करतां भक्तोने घणो हर्ष थतो हतो....यात्रामां गुरुदेवना पगले पगले
चालतां भक्तोना हृदयमां एम थतुं के आ यात्रानी जेम भवोभवमां गुरुदेवनी साथे ज
रहीने सिद्धपदनी यात्रा पूर्ण करीए...पू. बेनश्रीबेन पण भक्तिद्वारा आनंदमंगल
व्यक्त करता हता. ए रीते पहेली टूंके पहोंच्या पछी गीरनार उपरना दि. जिनमंदिरमां
जईने समूहपूजन कर्युं. तीर्थंधाममां गुरुदेव पण पूजनमां भाग लेता होवाथी घणो
उत्साह आवतो. पूजन बाद त्यां चोकमां भक्ति थई. नेमप्रभुना धाममां नेमप्रभुना
वैराग्यप्रसंगना स्तवनो सांभळतां यात्रिकोनुं हृदय वैराग्यभरेली भक्तिथी भींजाई
जतुं हतुं.