: जेठ : २५०१ आत्मधर्म : ७ :
महिलारत्न आपणने ए सप्ताहमां मळ्या छे. अहो! धर्मना आवा रत्नने पामीने
जागृत बनो, ने ‘महिला सप्ताहमां मुमुक्षुतानी अपूर्व जागृति’ वडे आत्मलाभ
पामीने दुनियामां जैनशासनना डंको वगाडो. जय महावीर (–सं.)
• वीरनिर्वाणमहोत्सवमां वीरबाळकोनो उत्साह •
अढीहजारवर्षीय वीरनिर्वाणमहोत्सवमां वीर बाळको तरफथी जे अढीहजार
पैसा (पच्चीस रूपिया) बालविभागमां आवेल छे. तेनी यादी–
५८८ योगेशचन्द्र, राजेशचन्द्र जैन अलीगंज ६०१ शाशी जैन सुपुत्री पद्यावतीबेन ईम्फाल
५८९ अजीतकुमार चीमनलाल जैन पादरा ६०२ सुवर्णाबेन लालचंद महेता मलाड
५९० रसिकलाल नागरदास मोदी मुंबई ६०३ एक बेन तरफथी वांकानेर
५९१ लीलावतीबेन वृजलाल मोदी मुंबई ६०४ कल्पनाबेन कीशोरचंद्र जैन सुरेन्द्रनगर
५९२ रश्मीकांत वृजलाल मोदी मुंबई ६०५ कीर्ति वसंतलाल जोबालीया मुंबई
५९३ पूर्णिमाबेन रश्मीकांत मोदी मुंबई ६०६ धीरजलाल मंगजीभाई चोवटीया कलकत्ता
५९४ ईन्दिराबेन जमनादास शाह मुंबई ६०७ कंचनबेन धीरजलाल जैन कलकत्ता
५९५ प्रेमचंद मगनलाल शेठ राणपुर ६०८ रजनीकांत धीरजलाल जैन कलकत्ता
५९६ हसमुखलाल केशरीमल जैन शिवगंज ६०९ भारतीबेन रजनीकांत जैन कलकत्ता
५९७ बालचंद खेमचंद जैन बाहुबली ६१० भावेशकुमार रजनीकांत जैन कलकत्ता
५९८ चंद्रेश जैन दिल्ही ६११ बीनाबेन रजनीकांत जैन कलकत्ता
५९९ राजमल जैन उदेपुर ६१२ पुनिताबेन रजनीकांत जैन कलकत्ता
६०० बी. के. कामदार मुंबई
[आ उपरांत रूा. १०१/– अंबेशकुमार रमणिकलाल जैन मुंबईवाळा तरफथी,
तथा रूा. १०१/–पुष्पराज चोपडा संबलपुरवाळा तरफथी आत्मधर्म प्रचारार्थे आव्या
छे.] ता. १२–६–७५ सुधी
* अमदावादमां वैशाख सुद बीज पछी गुरुदेव सुरेन्द्रनगर तथा राजकोट पधार्या
हता. त्यां हजारो जिज्ञासुओए लाभ लीधो हतो. संवर अधिकार उपरनां
प्रवचनमां गुरुदेवे भेदज्ञाननुं स्वरूप समजाव्युं हतुं. त्यारबाद गुरुदेव जामनगर
पधार्या हता. अहीं स्वाध्याय मंदिर थयुं छे अने तेमां समयसारनी गाथाओ
आरसमां कोतरेली छे, तेनुं उद्घाटन गुरुदेवनी मंगल छायामां भाईश्री
गुलाबचंद भारमलना हस्ते थयुं हतुं. बालिकाओए ‘अंजना–सती’ नुं
वैराग्यप्रेरक नाटक कर्युं हतुं.