Alochana-Gujarati (Devanagari transliteration).

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रहेशे त्यां सुधी मारुं चित्त, बाह्य पदार्थोमां घूम्या करशे अने
ज्यां सुधी चित्त घूमतुं रहेशे त्यां सुधी आत्मामां सदा कर्मोनुं
आवागमन पण रह्या करशे. आ प्रकारे तो आत्मा सदा व्याकुळ
ज रह्या करशे, माटे हे भगवान ! आ नाना प्रकारना अनर्थो
करनार मारा मोहने सर्वथा नष्ट करो के जेथी मारा आत्माने
शांति थाय.
सर्व कर्मोमां मोह ज बळवान छे, एम
आचार्य दर्शावे छे :
१६. अर्थ :ज्ञानावरण आदि समस्त कर्मोमां मोह-
कर्म ज अत्यंत बळवान कर्म छे. ए मोहना प्रभावथी आ मन
ज्यां त्यां चंचळ बनी भ्रमण करे छे अने मरणथी डरे छे. जो
आ मोह न होय तो निश्चयनय प्रमाणे न तो कोई जीवे या
न तो कोई मरे, केम के आपे आ जगतने जे अनेक प्रकारे देख्युं
छे, ते पर्यायार्थिक नयनी अपेक्षाए ज देख्युं छे. द्रव्यार्थिक
नयनी अपेक्षाए नहि, तेथी हे जिनेंद्र ! आ मारा मोहने ज
सर्वथा नष्ट करो.
पर संयोग अधा्रुव जाणी तेनाथी खसी, एक
धा्रुव आत्मस्वभावमां स्थित थवानी भावना :
१७. अर्थ :वायुथी व्याप्त समुद्रनी क्षणिक जळ-
लहरीओना समूह समान, सर्व काळे तथा सर्व क्षेत्रे आ जगत
१. मोह=मोह प्रत्येनुं वलण.
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