आकाशद्रव्य अवकाशदान देवामां पण मने सहकारी छे अने
कालद्रव्यथी परिवर्तन थाय छे, तेथी ते परिवर्तन करवामां पण
सहकारी छे, परंतु एक पुद्गलद्रव्य ज मारुं बहु अहित
करनार छे, केम के पुद्गलद्रव्य नोकर्म तथा कर्मस्वरूपमां
परिणत थई मारा आत्मा साथे संबंध करे छे अने तेनी कृपाथी
मारे नाना प्रकारनी गतिओमां भ्रमण करवुं पडे छे तेम ज मने
सत्यमार्ग पण सूझतो नथी, तेथी भेदविज्ञानरूप तलवारथी में
तेना खंडखंड ऊडावी दीधा छे.
धर्म, अधर्म, आकाश अने काल
द्वारा प्रबळ कर्मोनी उत्पत्ति थाय छे अने ते कर्मोथी संसार
ऊभो थाय छे, तेथी संसारमां अनेक प्रकारनां दुःखो
भोगववा पडे छे, माटे कल्याणनी इच्छा राखनार
सज्जनोए ते राग अने द्वेष सर्वथा छोडवा जोईए.
आवी बंधाया करे अने ते कर्मोने लीधे आत्माने संसारमां
परिभ्रमण करवुं पडे छे तथा त्यां तेने विविध प्रकारना दु;खो