Alochana-Gujarati (Devanagari transliteration).

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सहकारी छे, अधर्म द्रव्य स्थिति करवामां सहकारी छे,
आकाशद्रव्य अवकाशदान देवामां पण मने सहकारी छे अने
कालद्रव्यथी परिवर्तन थाय छे, तेथी ते परिवर्तन करवामां पण
सहकारी छे, परंतु एक पुद्गलद्रव्य ज मारुं बहु अहित
करनार छे, केम के पुद्गलद्रव्य नोकर्म तथा कर्मस्वरूपमां
परिणत थई मारा आत्मा साथे संबंध करे छे अने तेनी कृपाथी
मारे नाना प्रकारनी गतिओमां भ्रमण करवुं पडे छे तेम ज मने
सत्यमार्ग पण सूझतो नथी, तेथी भेदविज्ञानरूप तलवारथी में
तेना खंडखंड ऊडावी दीधा छे.
राग-द्वेषनो त्याग :
२६. अर्थ :जीवोना नाना प्रकारना राग-द्वेष करनारा
परिणामोथी जे प्रमाणे पुद्गल द्रव्य परिणमे छे ते प्रमाणे
धर्म, अधर्म, आकाश अने काल
ए चार अमूर्त द्रव्यो
राग-द्वेष करनारा परिणामोथी परिणमता नथी, ते राग-द्वेष
द्वारा प्रबळ कर्मोनी उत्पत्ति थाय छे अने ते कर्मोथी संसार
ऊभो थाय छे, तेथी संसारमां अनेक प्रकारनां दुःखो
भोगववा पडे छे, माटे कल्याणनी इच्छा राखनार
सज्जनोए ते राग अने द्वेष सर्वथा छोडवा जोईए.
अर्थ :पुद्गलना अनेक परिणाम थाय छे तेमां जे
राग-द्वेष, पुद्गलना परिणाम छे तेनाथी आत्मामां कर्म सदा
आवी बंधाया करे अने ते कर्मोने लीधे आत्माने संसारमां
परिभ्रमण करवुं पडे छे तथा त्यां तेने विविध प्रकारना दु;खो
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