मंगलकारी ‘तेज’ दुलारी
(राग : निरखी निरखी मनहर मूरत)
मंगलकारी “‘तेज’दुलारी पावन मंगल मंगल है;
मंगल तव चरणोंसे मंडित अवनी आज सुमंगल है,
....मंगलकारी०
श्रावण दूज सुमंगल उत्तम, ×वीरपुरी अति मंगल है,
मंगल मातपिता, कुल मंगल, मंगल धाम रु आंगन है;
मंगल जन्ममहोत्सवका यह अवसर अनुपम मंगल है,
....मंगलकारी०
मंगल शिशुलीला अति उज्ज्वल, मीठे बोल सुमंगल हैं,
शिशुवयका वैराग्य सुमंगल, आतम-मंथन मंगल है;
आतमलक्ष लगाकर पाया अनुभव श्रेष्ठ सुमंगल है,
....मंगलकारी०
सागर सम गंभीर मति-श्रुत ज्ञान सुनिर्मल मंगल है,
समवसरणमें कुंदप्रभुका दर्शन मनहर मंगल है;
सीमंधर-गणधर-जिनधुनिका स्मरण मधुरतम मंगल है,
....मंगलकारी०
“
तेजबा = पूज्य बहिनश्री चंपाबेनकी मातुश्री
×
वीरपुरी = पूज्य बहिनश्री चंपाबेनका जन्मस्थान वर्धमानपुरीवीरपुरी = पूज्य बहिनश्री चंपाबेनका जन्मस्थान वर्धमानपुरी
(वढवाण शहेर)(वढवाण शहेर)
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