Benshreena Vachanamrut-Gujarati (Devanagari transliteration). Bol: 39-41.

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बहेनश्रीनां वचनामृत

ज छूटको छे. सद्गुरुनां गंभीर अने मूळ वस्तुस्वरूप समजाय एवां रहस्योथी भरपूर वाक्योनुं खरो मुमुक्षु खूब ऊंडुं मंथन करीने मूळ मार्गने शोधी काढे छे. ३८.

सहज दशाने विकल्प करीने जाळवी राखवी पडती नथी. जो विकल्प करी जाळवी राखवी पडे तो ते सहज दशा ज नथी. वळी प्रगटेली दशाने जाळववानो कोई जुदो पुरुषार्थ करवो पडतो नथी; केम के वधवानो पुरुषार्थ करे छे तेथी ते दशा तो सहेजे टकी रहे छे. ३९.

साधकदशामां शुभ भाव वच्चे आवे छे, पण साधक तेने छोडतो जाय छे; साध्यनुं लक्ष चूकतो नथी.जेम मुसाफर एक नगरथी बीजा नगरे जाय छे त्यारे वच्चे बीजां बीजां नगर आवे तेने छोडतो जाय छे, त्यां रोकातो नथी; ज्यां जवुं छे, तेनुं ज लक्ष रहे छे. ४०.

खरी तालावेली थाय तो मार्ग मळे ज, मार्ग न मळे एम बने नहि. जेटलुं कारण आपे एटलुं कार्य