Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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ट्रेक-

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करना, कुछ वांचन करना, कुछ समझमें आये ऐसा, कुछ चिंतवन करना। आत्मा भिन्न है, यह शरीर मैं नहीं हूँ, ये विकल्प आकुलतारूप है। कुछ चिंतवन करना, रोज कुछ वांचन करना। वह सब रोजका नियम कर लेना। वहाँ रोज बाहर जाना बहुत मुश्किल पडे, लेकिन स्वयंको अपने लिये कुछ नियम रखना। पढनेका, विचार करनेका, चिंतवन करनेका ऐसे सब नियम रखना चाहिये। यहाँ तो बरसोंसे गुरुदेवके सान्निध्यमें रहकर अंतरमें...।

समाधानः- .. व्यक्तिगत क्या कहना? वह तो सहज दशा.. (स्वानुभव होनेसे पहलेकी) दशा विकट होती है। आत्माको जाननेके बादवाली दशा तो सहज होती है। श्रीमदमें आता है, "समझ पीछे सब सरल है, बिन समझे मुश्किल'।

मुमुक्षुः- आपके पूर्वजन्मका हमें कुछ (बताईये), जिससे हमें खरी तमन्ना लगे।

समाधानः- पूर्वजन्मका व्यक्तिगत क्या कहना?

मुमुक्षुः- महाविदेह क्षेत्रकी थोडी बात करीये। जिसमें उनको रस आये। कोई जाकर आया है, उनके दर्शन हमें हुए।

समाधानः- महाविदेह क्षेत्र जगत पर है। वहाँ भगवान साक्षात विराजते हैं। वहाँ मुनिओंका समूह विराजता है। वहाँ सब भगवानकी वाणी छूटती है। भगवानका समवसरण है, रत्नका समवसरण है। भगवान वीतराग है। उनकी ध्वनि छूटती रहती है। सब मुनिओंका समूह, सब देव, सब हजारों श्रावक लाभ लेते हैं। यहाँ मनुष्यसे वह क्षेत्र अलग है। एकदम क्षणमात्रमें सब पलट जाते हैं, आत्म स्वरूपको प्राप्त करते हैं, भगवानकी वाणी सुनकर। यहाँका देह,.. वह क्षेत्र कुछ अलग ही है। एक क्षणमें सब आत्माका स्वरूप प्राप्त कर लेते हैं। भगवानकी वाणी मूसलाधार बरसती है।

मुमुक्षुः- आपको अभी दिखाई देता है?

समाधानः- जो अंतरमें होता है वही कहनेमें आता है।

मुमुक्षुः- बहिनश्री तो साक्षात दर्शन करते होंगे, प्रतिक्षण।

समाधानः- जो बात स्पष्ट हो वही कहनेमें आती है। वह स्पष्ट ही है।

मुमुक्षुः- आपकी जगह वहाँ... पूर्व भवकी बात। देवकुमार आदि सब सुना... हमें कहते हैं, इसलिये हमको रस आता है। फिर पूरी बात पूछना चाहती है।

समाधानः- वह सब.. विश्वास करना, बाकी जैसा है वैसा ही है, यथार्थ है। गुरुदेव पूर्व भवमें राजकुमार थे, तीर्थंकर होनेवाले हैं, वह सब बात यथार्थ है।

मुमुक्षुः- पूरा समवसरणका जो स्वरूप है, उसमें कमलके ऊपर ही सीमंधर भगवान विराजते हैं?

समाधानः- हाँ, भगवान कमलके ऊपर विराजते हैं। अंतरीक्ष विराजते हैं।

मुमुक्षुः- तो फिर जो कमल होता है, वह कमल कैसा होता है? यहाँ जैसा