Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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ट्रेक-

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एक सम्यग्दर्शन प्राप्त नहीं किया है। वह अपूर्व है। बाकी सब किया है। और उस अपूर्व सम्यग्दर्शनका स्वरूप गुरुदेवने बताया है। बाहरका सब किया है, परन्तु भवका अभाव जो सम्यग्दर्शन प्रगट हो तो ही होता है। वह सम्यग्दर्शन अपूर्व है, वह स्वानुभूति अपूर्व है।

लक्षणसे आत्माको पहचानकर, विभावका लक्षण और स्वभाव लक्षण भिन्न करके अंतरमें स्वभाव लक्षण पहचानकर उसमें दृढता करके अपूर्व ऐसा सम्यग्दर्शन प्राप्त हो तो भवका अभाव हो। और वही करने जैसा है। गुरुदेवने वही कहा है। बाहरका बहुत किया है, परन्तु एक सम्यग्दर्शन बिना भवका अभाव नहीं हुआ है, सुखकी प्राप्ति नहीं हुयी है, आनन्दकी प्राप्ति नहीं हुयी है। अन्दरसे ज्ञानसे भरपूर आत्मा भरा है, वह ज्ञायकदशा प्राप्त नहीं हुयी है।

स्वयं लक्षणसे पहचानकर द्रव्यको ग्रहण करे। लक्षणसे लक्ष्य जो द्रव्य, उसे पहचाने तो उसकी प्रतीति दृढ करके उसमें लीनता करके भेदज्ञान करके वह प्राप्त करने जैसा है। और गुरुदेवने वह बताया है। देव-गुरु-शास्त्र जो कहते हैं उसकी महिमा करके, लक्ष्य जो आत्मा उसे ग्रहण करना, जो अनादिअनन्त शाश्वत है। वही करनेका है।

सम्यग्दर्शनके बिना जीवने परिभ्रमण किया है। वह सम्यग्दर्शन ही अपूर्व है। चैतन्यकी जो विभूति है उसीमें-से प्रगट होता है। वही करना है।

मुमुक्षुः- माताजी! सम्यग्दर्शनकी प्राप्ति और अनुभूतिके बारेमें कुछ कहें।

समाधानः- कहा तो सही, वही तो कहा। सम्यग्दर्शन और अनुभूति दोनों एक ही है, कोई अलग नहीं है। सम्यग्दर्शन जो अनादिसे जीवने प्राप्त नहीं किया है। अन्दर स्वानुभूतिकी दशा वह सम्यग्दर्शन है। विभाव लक्षणको पहचानकर, स्वभाव लक्षणको पहचानकर स्वभावको प्रगट करे और उस स्वभावमें लीनता करे तो उसमें स्वानुभूति प्राप्त होती है।

विकल्प टूटकर जो निर्विकल्प दशा हो, वह स्वानुभूति और सम्यग्दर्शनका लक्षण है। और उसीमें अपूर्व आनन्द और अपूर्व ज्ञान सब उसमें ही प्राप्त होता है। भेदज्ञानकी दशा प्राप्त करनी कि जिसमें-से स्वानुभूति प्राप्त होती है। ऐसी सहज दशा अंतरसे हो तो सम्यग्दर्शनकी प्राप्ति होती है। इसलिये उसीका अभ्यास और उसकी लगन बारंबार भेदज्ञान कैसे हो, स्वभाव कैसे पहचानमें आये, वही करना है।

मुमुक्षुः- ऐसा ही प्राप्त करनेके लिये आपके आशीर्वाद..

समाधानः- करना वही है।

समाधानः- ... समवसरणमें (जाते समय) यह भरतक्षेत्रमें आता होगा, सब जानते होंगे। बाकी यहाँ आते होंगे तो भी किसीको दर्शन नहीं होते हैं।