Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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अमृत वाणी (भाग-५)

१५२

मुमुक्षुः- किसीको भले न हो, आपको हो जाय तो आपके साथ हमको भी हो जायगा।

समाधानः- .. समसवरणमें जाते हैं तो महाविदेह क्षेत्र और भरत क्षेत्र मनुष्य क्षेत्रमें है तो ऊपरसे जाय तो उनको सब दिखता है। भरतक्षेत्र तो बीचमें भी आता है। वे तो सब जानते हैं। आते भी हों, ऊपरसे देखते हों तो भी सबको दिखाई नहीं देता। गुरुदेव तो सब देखते हैं। और यहाँ आते भी हैं तो भी सबको देखना बहुत मुश्किल पडता है।

मुमुक्षुः- गुरुदेवश्री पहले ऐसे बोलते थे कि कोई दव यहाँ आते नहीं है। गुरुदेवश्रीको कितना प्रेम था, आपको बारंबार याद करते थे।

समाधानः- पंचमकाल है। बाहरमें आना बहुत मुश्किल होता है।

मुमुक्षुः- एक बखत आप ऐसा कुछ भाव प्रगट करो कि एकदम ऊतर जाय।

समाधानः- ... और ऐसा हो गया।

मुमुक्षुः- स्वप्नमें भी

समाधानः- स्वप्नमें तो आवे, परन्तु स्वप्नकी क्या बात है? सपना तो आये। बहुत बरसोंको सान्निध्य, बहुत सालोंका है, स्वप्नमें तो आये।

मुमुक्षुः- स्वप्नमें तो हमें भी आते हैं, बहुत बार आते हैं.

समाधानः- स्वप्नमें तो बहुत आवे।

मुमुक्षुः- ...स्वप्नमें संबोधन भी देते हैं। मुमुक्षुः- माताजीके पास तो देवके रूपमें पधारे न। हमें तो गुरुदेवके रूपमें आये और माताजीको देवके रूपमें आये।

मुमुक्षुः- ऐसा। मुमुक्षुः- यह नहीं आते। मुमुक्षुः- यह बात तो आपने कुछ अलग की, उषाबहन। यह आपने खास बात कही।

मुमुक्षुः- अपने तो गुरुदेवके रूपमें आये न। मुुमुक्षुः- वह तो सच्ची बात है। ... वह तो सच्ची बात है। बहिन बोले न, किसीको दिखते नहीं। बहिनको दिखते हैं। ... हम तो यहाँ हाजिर रहेंगे, एक बार तो दर्शन करने हैं। हमारी यह नाड भी जाती हो तो हम दे देंगे, हमें दर्शन करवा दो। मेरी तो बिलकूल ठीक है। आपको तो आते हैं जरूर। बात निकल गयी न, उषाबहन, आपने बराबर खुलासा कर दिया कि उनको आते हैं।

मुमुक्षुः- स्वप्नमें तो सबको आये, परन्तु किस रूपमें आते हैं?