Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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ट्रेक-

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१५९

समाधानः- उसके परिचयसे जाने, उसकी वाणीसे ज्ञात हो। उसे ज्ञात होता है। उसकी वाणी कैसी आती है? उसका हृदय कैसा है? उसका अमुक परिचय होता है इसलिये जान सकते हैं कि इसकी परिणति भावलिंगरूप है या मात्र द्रव्य है। क्रियाकी ओर कितना वजन जाय, शुभभावकी ओर कितना जाय, अंतरकी भेदज्ञानकी परिणति, उसकी वाणी कैसी आती है, उस परसे हृदयको पहचाना जाता है। उसका परिचय हो तो पकड सकते हैैंं। .. उसके परिचयमें आवे, उसका बोलना, वाणी परसे पकड सकते हैं कि कहाँ-कहाँ उसकी वाणी गहराईमें जाती है या स्थूलमें अटक गया है या बाह्य क्रियामें थोडा करके, महाव्रत धारण करके उसमें संतोष माना है, या अंतर परिणति है, भेदज्ञानकी धारा किस जातकी है, वह सब, वह बोले उस परसे ख्यालमें आ जाता है।

मुमुक्षुः- बहिन! हम गुरुदेवका प्रवचन पढें या सुने, गुरुदेवको प्रत्यक्ष सुना है। उसमें आत्माका स्वभाव ज्ञान, वह तो बारंबार आता है। कर्तृत्व वह आत्माका स्वभाव नहीं है। परन्तु ऐसा ख्यालमें लेते हैं तो भी आत्मानुभव नहीं होता है। तो उसमें क्या त्रुटि (रहती होगी)?

समाधानः- आत्माका ज्ञानस्वभाव (है)। परन्तु वह ज्ञानस्वभाव मात्र बुद्धिसे, विचारसे ग्रहण किया होता है। अंतर उसका जो ज्ञानस्वभाव है, स्वभावमें-से स्वभाव ग्रहण करे तो हो। कर्ता यानी परका कर्ता नहीं है, विभाव उसका स्वभाव नहीं है। परन्तु स्वयं अपने स्वभावरूप परिणमन कर सकता है। परन्तु वह ज्ञानमात्र आत्मा ऐसा आये, परन्तु ज्ञानको ज्ञानरूप पहचानना, वह अंतर गहराईमें जाकर पहचानना चाहिये। मात्र बुद्धिसे जाने तो उसमें अंतर परिणति नहीं होती। अंतर परिणति करे तो यथार्थ अन्दरसे दशा प्रगट होती है।

ऐसी परिणति कि यह ज्ञान है सो मैं हूँ और यह विभाव भिन्न और यह ज्ञान माने ज्ञायक। मात्र जाने-जाने वह ज्ञान (ऐसे नहीं), परन्तु उसके पीछे पूरा द्रव्य है। उस द्रव्यको अंतरमें जाकर ग्रहण करे तो हो। वह आता है न? ज्ञानके जो जाननेका किरण दिखता है, वह ज्ञानमात्र भेद-भेद दिखाई देता है उतना ही मैं नहीं हूँ, अपितु पूरा ज्ञायक, जाननेवाला तत्त्व है वह जाननेवाला तत्त्व है सो मैं हूँ। ऐसे द्रव्यकोंअंतरमें जाकर पहचाने तो होता है। मात्र बुद्धिसे... जो द्रव्य है, उस द्रव्यके मूलमें-से उसे पहचानना चाहिये।

मुमुक्षुः- आत्माका स्वभाव तो ज्ञान है, ऐसा आता है। तो फिर ज्ञान जानता है, वह भी व्याजबी बात है, तो फिर उसमें...?

समाधानः- जाने वह व्याजबी बात है, परन्तु वह किस जातका जानता है?