ट्रेक-
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समाधानः- गुरुदेवने बताया है। यही करने जैसा है। जीवनमें अपूर्व वस्तु कैसे प्राप्त हो और वह अपूर्वता कैसे प्राप्त हो? अपूर्व पुरुषार्थ, आत्मा अपूर्व, उसका अभ्यास कोई अपूर्व। बाकी सब रूढिगत रूपसे बहुत बार किया है। अपूर्व प्रकार-से प्राप्त हो वह करना है।
प्रशममूर्ति भगवती मातनो जय हो! माताजीनी अमृत वाणीनो जय हो!