Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi). Track: 34.

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ट्रेक-०३४ (audio) (View topics)

समाधानः- .. आत्माका मोक्षका मार्ग जिसको प्रगट हुआ उसकी वाणी उसको निमित्त होती है।

मुमुक्षुः- ...

समाधानः- वह वाणी निमित्त नहीं होती।

मुमुक्षुः- इसलिये जेनी-तेनी पासे धर्म सांभळवो ते पात्रता नथी।

समाधानः- जिसकी जिज्ञासा हो वह सच्चे गुरुको पहचान लेता है। इस गुरुका उपदेश मेरे आत्माका कल्याण करेगा। यदि सच्ची जिज्ञासा हो तो अपनेआप पहचान लेता है। ..

मुमुक्षुः- जो प्रत्यक्षमें दिख रहा है कि इस उपदेश देनेवालेको आत्मानुभूति नहीं है, तो उसके उपदेशको नहीं सुनना चाहिये।

समाधानः- वह तो कोई अपेक्षासे बात है। अपने निमित्त होता है तो सच्चे गुरु मिलते हैं। जिसको नहीं मिलता है.... जिज्ञासु, जिसने गुरुके पास सुना है, अपनी पात्रता प्रगट हुई है, ऐसा कोई

मुमुक्षु-सच्चा मुमुक्षु हो तो समझनेके लिये वह समझता है, परंतु उसको गुरु नहीं मानता। वह तो समझनेके लिये समझता है। सच्चा गुरु नहीं मानना। स्वाध्याय करता है, सच्चा गुरु नहीं मानना। ... बाहरमें सब लालच हो, उसे पात्रता नहीं है।

मुमुक्षुः- उसका उपदेश सुनना नहीं।

समाधानः- उसका उपदेश... सच्चे गुरुसे लाभ होता है। शास्त्रमें आता है, सच्चे गुरुसे लाभ होता है। ऐसे गुरु नहीं मिलते हैं तो साधर्मी एकदूसरेके साथ चर्चा करे, स्वाध्याय करे, विचार करे, ऐसा तो करते ही हैं आपसमें। .. पहचानना और शरीरादि भिन्न है उसे पहचानना। ऐसा कहनेवाले गुरु कौन है, वह ...

मुमुक्षुः- ..

समाधानः- ... यथार्थमें कौन है वह समझना। व्यवहारसे वक्ता, श्रोता ऐसा चलता है?

मुमुक्षुः- ... वहाँ-से लक्ष्य छूटता नहीं। स्वभावके प्रति लक्ष्य होता नहीं।