Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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ट्रेक-

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मुमुक्षुः- अब मुझे कोई नहीं पूछेगा।

समाधानः- हाँ। कोई किमत रहे नहीं, कोई गिनती नहीं रहेगी, ऐसा उसे हो जाता है। .. छोड देनेकी बात नहीं है, परंतु अन्दरकी श्रद्धा, अंतरमेंसे पलटनेकी बात है।

मुमुक्षुः- .. रखते हैं तो कितना अच्छा लगता है।

समाधानः- परमात्मा हूँ, गुरुदेव टेपमें बोलते हैं। त्रिलोकनाथ परमात्मा वीतराग सर्वज्ञदेवकी ध्वनिमें यह आया है कि तू परमात्मा है। सौ इन्द्रकी उपस्थितिके समवसरणमें लाखों-क्रोडो देवोंकी हाजरीमें भगवानने कहा है कि तू परमात्मा है। लेकिन भगवान! आप परमात्मा हो, इतना तो नक्की करने दो। तू परमात्मा है, ऐसा नक्की किये बिना यह परमात्मा भगवान तुझे नक्की होंगे। निश्चय नक्की किये बिना व्यवहार नक्की होगा नहीं। गुरुदेव ऐसे ललकारके बोलते हैं।

मुमुक्षुः- मानों ॐ ध्वनि बरसी।

समाधानः- हाँ। .. समवसरणमें भगवानने ऐसा कहा है, ऐसा आकाशमेंसे कहते हो (ऐसा लगता है)। यहाँ विराजते थे। सोनगढके अन्दर कण-कणमें गुरुदेवकी स्मृति है।

ज्ञायकको पहचानना वही प्रथम है। उसे पहचाननेके लिये जिज्ञासा, विचार, वांचन (करना)। ध्येय तो सर्वप्रथम ज्ञायकको ही पहचानना। मार्ग एक ही है। ज्ञायककी रुचि करनी, ज्ञायककी महिमा करनी, ज्ञायकका ज्ञान करना। ज्ञायक क्या है, उसके विचार करना। उसके द्रव्य-गुण-पर्याय क्या है, उसका स्वरूप क्या है? लेकिन वह समझनेके लिये विचार, शास्त्र और गुरुदेवने क्या कहा है, उन सबका विचार करना। ध्येय एक ही-ज्ञायकको ग्रहण करना।

ग्रहण हो, ग्रहण करनेके हेतुसे देव-गुरु-शास्त्रकी महिमा आदि सब ज्ञायक कैसे ग्रहण हो, उसके लिये है। जीवनमें देव-गुरु-शास्त्रका रटन रहे वही सर्वोत्कृष्ट है न। बाकी संसार तो चलता ही रहता है। संसार तो है ही, परन्तु गृहस्थाश्रममें अन्दर आत्माकी रुचि रहे, देव-गुरु-शास्त्रकी महिमा रहे, जिनेन्द्र देव, गुरु और शास्त्रकी महिमा रहे और आत्माकी रुचि रहे, वही मनुष्यजीवनका कर्तव्य तो एक ही है। ज्ञायक आत्माकी महिमा, उसकी रुचि और वह नहीं हो वहाँ शुभभावमें जिनेन्द्र देव, गुरु और शास्त्र हृदयमें रहे, वही मनुष्यजीवनका कर्तव्य है।

मुमुक्षुः- ...

समाधानः- ज्ञायकके अलावा सब पर। विभावभाव अपनी पर्यायमें होते हैं, परन्तु उसका स्वभाव भिन्न है। इसलिये विकल्प भी (पर)। सब उसमें ले लेना। द्रव्यकर्म, भावकर्म और नोकर्म आदि सब।

मुमुक्षुः- एक समयकी पर्याय भी परमें आती है?