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मैं राजकुमार हूँ, झरीके वस्त्र परहने हैं, ऊंचा शरीर है। वह शरीर यहाँका नहीं। वह तो कोई दूसरे क्षेत्रका बडा शरीर था। वह बादमें कहा। भगवानने कहा है, तीर्थंकर होनेवाले हैं। सीमंधर भगवानने कहा है। गुरुदेवने कहा, यह तो मुझे अंतरमेंसे आता है।
मुमुक्षुः- आपने जब कहा, तब गुरुदेवने कहा न..
समाधानः- गुरुदेवको प्रमोद बहुत हुआ था। भगवानका नाम आये इसलिये प्रमोद आये न। भगवानने कहा है इसलिये। गुरुदेवको कहना वह कोई, अंतरमें विचार किये बिना गुरुदेवके पास कहना वह कोई आसान बात है? गुरुदेव कहते थे, त्रिलोकीनाथने टीका किया, अब क्या चाहिये? भगवानने कहा है कि भविष्यमें यह तीर्थंकर होंगे। भगवानकी वाणीमें आया, भगवानकी कृपा बरसी। गुरुदेव ऐसा शब्द (बोलते थे), त्रिलोकीनाथने टीका किया, अब क्या चाहिये?
मैं तीर्थंकर हूँ, यह मुझे क्या आ रहा है? उनको उस प्रकारकी भनक और उस प्रकारके स्वप्न आते थे। ऐसे स्वप्न आने वह कोई आसान नहीं है। तीर्थंकरका स्वप्न किसे आता है? किसीको कहनेमें आये कि यह तीर्थंकर (होनेवाले हैं)। तो कोई माने नहीं। ना, ना। भगवान तीर्थंकर हैं, मैं कहाँ तीर्थंकर हूँ? गुरुदेवको स्वयंको हृदयमेंसे ऐसा आता था कि मैं तीर्थंकर हूँ। तीर्थंकर होनेवाला हूँ, तीर्थंकर हूँ ऐसे स्वप्न आते थे।
मुमुक्षुः- ऐसे स्वप्न आते थे?
समाधानः- हाँ, ऐसे स्वप्न गुरुदेवको आते थे।
मुमुक्षुः- सर्व प्रथम वांकानेरमें ॐ ध्वनि..
समाधानः- हाँ, ॐ ध्वनि (आया था)। ॐ ध्वनि आये वह भी किसको आती है? गुरुदेवको ॐ ध्वनि स्वप्नके अन्दर आती थी। पहले वांकानेरमें आयी, फिर उमरालामें आयी, तिसरी बार विंछीयामें आयी। साढे बारह क्रोड वाजिंत्र बजते हैं और ॐ ध्वनि (सुनायी दी), गुरुदेवको स्वयंको ॐ ध्वनि निकलती है। ऐसा आता था। उसके दो अर्थ करते थे। भगवानके पास गुरुदेव सुनकर आये हैं और भगवान होनेवाले हैं। इसलिये ॐ ध्वनि निकली, साढे बारह क्रोड वाजिंत्र बजते हैं।
मुमुक्षुः- होनेवाले हैं ऐसा भी और भगवानके पाससे आये हैं, ऐसा भी।
समाधानः- भगवानके पाससे आये हैं, दोनों अर्थ करते थे। कुछ सुना नहीं था, कुछ किया नहीं था, कुछ नहीं था। यह राजकुमार भविष्यमें तीर्थंकर होनेवाले हैं, सीमंधर भगवानकी वाणीमें ऐसा आया है। वह एकदम आया। मैंने कुछ सुना नहीं, किया नहीं किसीके पाससे अथवा ऐसा विचार भी नहीं आया है। गुरुदेवको कहनेमें कितनी बडी बात है कि यह बडी बात गुरुदेवको कहेंगे तो गुुरुदेव क्या कहेंगे, ऐसा