मुमुक्षुः- ... कोई सरल शास्त्र ऐसा हो, जिसके लिये समय कम हो... सरल शास्त्र कोई?
समाधानः- समयसारमें बहुत आ जाता है। समयसार शास्त्रमें। और गुरुदेवके प्रवचन हैं, उसमें भी बहुत आता है। गुरुदेवने प्रवचनोंमें शास्त्रोंके रहस्य खोले हैं, उसमें बहुत आता है।
मुमुक्षुः- प्रवचन रत्नाकरमें कितना आया है।
समाधानः- बहुत आता है।
मुमुक्षुः- बहुत सरलसे सरल..
समाधानः- सरल हो जाता है। गुरुदेवने बहुत शास्त्रोंके रहस्य खोल-खोलकर सरल कर दिया है सब। मोक्षमार्ग प्रकाशक पढे तो वह भी अच्छा है। गुरुदेवने बहुत वाणी बरसायी है। कोई शंका न रहे उतना स्पष्ट कर-करके बहुत बताया है।
मुमुक्षुः- खोलके रख गये हैं एक-एकको...
समाधानः- एक-एक बातको खोल-खोलकर बताया है, बहुत बताया है।
मुमुक्षुः- माफ करना, प्रश्न जरा ऐसा है कि, मूर्ति वगैरहका प्रकरण बीचमें आ जाता है। इसका थोडा समाधान आपसे हो सके।
समाधानः- क्या कहते हैं?
मुमुक्षुः- यह भावि तीर्थंकरकी जो मूर्ति है यहाँ पर, तो उसका प्रकरण आ जाता है। उस सम्बन्धमें आपसे कुछ... अपनने जो घातकी खण्डकी जो भावि मूर्ति बनायी है.. हम लोगोंको ऐसी कषायवाली बातें आ जाते हैं,... जैसे की हम तीर्थ यात्रामें जाते हैं, तो लोग कहते हैं कि ये लोग अपने नहीं है, इनको मत घूसने दो।
समाधानः- भावि तीर्थंकरकी प्रतिमा विराजमान की है न। भावि तीर्थंकर तो घातकी खण्डमें बहुत होते हैं। घातकी खण्डमें, जम्बू द्वीपमें, पुष्कर द्वीपमें भूत-वर्तमान- भावि सब तीर्थंकरों बहुत होते हैं। जघन्यमें बीस और उत्कृष्टमें तो बहुत होते हैं। हर क्षेत्रमें होते हैं। यहाँ तो भावि तीर्थंकरकी प्रतिष्ठित की है। भावि तीर्थंकर तो सब