२६२ भिन्न दिखाई देती है, वैसे शरीर मुझसे भिन्न है। राग आये वह भी मेरा स्वभाव नहीं है। उससे भी मेरा स्वभाव भिन्न है। पुरुषार्थकी मन्दतासे सबमें खडा हूँ, फिर भी मैं तो भिन्न ही रहता हूँ। क्षण-क्षणमें भिन्न (रहता है)। कोई क्षण ऐसी नहीं जाती कि जिसमें उसे आत्मा एकरूप हो जाय। प्रतिक्षण उसे आत्मा भिन्न भासता है।
कोई भी कार्य करता हो, बोलते हो, कुछ भी लिखता हो, कुछ भी करता हो, सबके अन्दर आत्मा उसे भिन्न (रहता है), एकत्व होता ही नहीं। भिन्न भासता रहता है। मेरा आत्मा भिन्न, ज्ञायककी परिणति उसे निरंतर चालू ही है। उसमें उसे थोडा- सा भी फर्क नहीं पडता। यदि वह एकमेक हो जाय तो उसका ज्ञान एकत्वबुद्धिवाला हो जाय। ज्ञानमें उसे भिन्न ही भासता है। क्षण-क्षणमें भिन्न (भासित होता है), वह उसे भूलता ही नहीं, किसी भी क्षण नहीं भूलता है। वह उसका वर्तन है। भिन्न तो भासता है, लेकिन आत्मामें अन्दर स्थिर होनेका प्रयत्न वर्तता है। उसे थोडासा भी भूलता नहीं।
उसे विचार करके जबरन रखना पडे या उसे कुछ कृत्रिम करना पडे ऐसा भी नहीं है, उसे सहज भिन्न भासता है। विचार किये बिना उसे सहज (भासता है)। जिसमें विचारोंकी श्रृंखला चलती रहे उसमें कोई जबरन नहीं लाना पडता, वैसे आत्मा उसे एकदम सहजपने भिन्न ही भासता है। कुछ भी करता हो तो भी। ऐसी उसकी वर्तना होती है। हमेशाकी वर्तना। भिन्न, हमेशा भिन्न रहता है। भले कहीं भी खडा हो, कहीं भी बैठा हो, उसे भिन्न ही भिन्न भासता है।
भगवानके सामने भक्ति करता हो, भगवानके दर्शन करता हो, भाव आये, भक्ति आये तो भी आत्मा भिन्न भासित होता है। वांचन करता हो, सबका विचार करता हो, द्रव्य-गुण-पर्यायका स्वरूप, तो भी उसका आत्मा भिन्न भासता है। और उसकी धारा ज्ञानधारा-ज्ञाताधारा ऐसे ही चालू है।
मुमुक्षुः- निरंतर चलती रहती है।
समाधानः- निरंतर चलती है। इसीलिये कहते हैं न, कौन खाता है, कौन पीता है, कौन हिलता है, क्योंकि उसे आत्मा भिन्न ही भासित होता है। वह भिन्न रहता है। परन्तु वह समझता है कि अल्प अस्थिरताके कारण यह सब बोलनेकी, चलनेकी क्रियाएँ होती है। अल्प राग है। परन्तु उसे आत्मा भिन्न भासता है। अल्प भी न हो तो-तो उसे खानेकी, पीनेकी किसी भी प्रकारकी क्रिया न हो। अल्प है, परन्तु आत्मा उसे भिन्न भासता है।
मुमुक्षुः- ज्ञानीकी वर्तना ज्ञानी ही जानते हैं। ऐसा एक कलशमें आता है।
समाधानः- यथार्थपने ज्ञानीकी वर्तना ज्ञानी ही जानते हैं। क्योंकि ज्ञानीको उसका