ट्रेक-
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उस अनुसार (मान लेना)। वह तो कालकी बात है न। शास्त्रमें हो उस अनुसार मान लेना। मुनिओंकी दशाकी बात है।
मुमुक्षुः- श्रेणी लगानेवाले हों, उससे पहले वेग बढने लगता है, ऐसा.. समाधानः- ऐसा शास्त्रमें आता है। मुमुक्षुः- ... समाधानः- वह कुछ शास्त्रोंमें नहीं आता है। जितना शास्त्रोंमें आवे इतना मानना। मुनिकी बात है। अबुद्धिपूर्वक है। वह तो जो केवलज्ञानीने जो कहा हो उस अनुसार माननेका होता है। वह तो तर्कमें अमुक प्रकारसे बिठा सकते हैं। क्योंकि वह तो एकदम अंतर्मुहूर्तका उपयोग सूक्ष्म उपयोग होता है।
प्रशममूर्ति भगवती मातनो जय हो! माताजीनी अमृत वाणीनो जय हो!