Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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अमृत वाणी (भाग-३)

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समाधानः- बाहर कुछ नहीं दिखता। अन्दरसे उसे विभावका रस कम हो जाय। अंतरमेंसे चैतन्यकी महिमा आये। बाहरकी जो महिमा लगे, वह अन्दर अपनी परिणतिमें फेरफार होता है। वह कुछ बाहरसे नहीं दिखता। अंतरकी पूरी दुनिया अलग है। अंतरमें जाय, विकल्प टूट जाय और चैतन्य ग्रहण हो और स्वानुभूति हो, उसकी दुनिया ही अलग हो जाती है। उसे उसका आत्मा ही कहे कि, बस, यही आत्मा और यही स्वानुभूति और यही स्वभावका आनन्द। उसका आत्मा ही अन्दरसे कहे। उसीका आत्मा जवाब देता है। यही मुक्तिका मार्ग और यही स्वानुभूति और यही स्वभावका आनन्द। सब यही है।

उसे मार्ग हाथमें आ गया। एक अंशसे पूर्णता पर्यंतका मार्ग उसके हाथमें आ गया है। पूर्ण कैसी हो और अंश कैसा हो, उसकी साधना कैसी हो, पूर्ण द्रव्य अनादिअनन्त शाश्वत कैसा है? और उसका अंश प्रगट हो उसकी दशा कैसी हो? उसकी बीचकी साधनाकी दसा कैसी हो और पूर्णता कैसी होती है? वह सब एक अंश सम्यग्दर्शन जिसे प्रगट हुआ वह सब जान लेता है।

मुमुक्षुः- ..

समाधानः- गुरुदेवने बहुत दिखाया है। यह मार्ग अच्छा है। उनकी वाणीमें अकेला आत्मा ही दिखाते थे कि देख, आत्मा ऐसा है। ऐसा महिमावंत चमत्कारिक आत्मा है। ऐसा गुरुदेव कहते थे। परन्तु उसकी महिमा स्वयंको आनी चाहिये न। ऐसा चमत्कारिक कोई आश्चर्यभूत अदभुत आत्मा है। अनादिसे स्वयंने पहचाना नहीं है। तू अन्दर जाकर देख तो तुझे दिखेगा। ऐसा गुरुदेव तो बहुत कहते थे। उनकी वाणी ऐसी थी कि दूसरोंको आत्माका आश्चर्य लगे, ऐसा कहते थे। वाणीमें ऐसा आता था। दुकान पर जाय तो सब माल नहीं दिखाता, उसका थोडा नमूना ही दिखाता है।

मुमुक्षुः- वहाँ तो दिखता है, यहाँ तो कुछ दिखता ही नहीं है।

समाधानः- गुरुदेव तो उनकी वाणीमें बताते थे। वह तो अमुक प्रकारसे वाणीमेंसे ग्रहण हो ऐसा है। बाकी तो अन्दरसे स्वयंको अंश प्रगट हो तो स्वयंको ज्ञात हो। उसकी स्वानुभूति प्रगट करे तो। गुरुदेव उसके लक्षणसे पहचान करवाते थे कि ऐसा ज्ञानलक्षण आत्मा कोई अदभुत है, स्वानुभूतिमें उसका अनुभव होता है, आनन्दस्वरूप है, चमत्कारिक है यह सब कहते थे। सम्यग्दर्शन कोई अलग वस्तु है। चौदह ब्रह्माण्डके भाव पी गया है। वह कोई अदभुत है, ऐसा सब कहते थे। उसका किसीसे मेल नहीं है। जगतमें देवलोकका सुख या चक्रवर्तीके सुखके साथ कोई मेलन हीं है। कोई अनुपम है। अनेक प्रकारसे गुरुदेव कहते थे।

मुमुक्षुः- ...