Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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अमृत वाणी (भाग-२)

८४ उतनी ही है।

सूर्यकीर्ति भगवानकी.. उसकी बातका मेल था। लोग पूछते थे इसलिये... वाजिंत्र बजते हैं। उसमें भगवानकी वाणीका कैसा लगता है? मैंने कहा, भगवान भिन्न। देव, देवियाँ, सभा, मुनि आदि सब होते हैं। श्रावक, श्राविका, राजा-रानीके बीचमें नीकली। वहाँ उत्सव हुआ था। समवसरणमें आनन्द छा गया।

.. आया कि यह राजकुमार भविष्यमें तीर्थंकर होने वाले हैं। एक-दो बार शुरूआतमें बोली, फिर बादमें मेरे पास बुलाने लगे तो फिर मैं...

गुरुदेव बादमें तो बहुत बोलते थे, "घट-घट अंतर जिन वसे, घट-घट अंतर जैन'। उन्हें जिनका हृदयमें (बहुत था)। "घट-घट अंतर जिन वसे,' ऐसे ही बोलते थे। उनका अंतरंग सहज कहता था।

... गुरुदेव बोलते थे, त्रिलोकीनाथने टीका लगाया, और क्या चाहिये? ऐसा बोलते थे। उनके भाव परसे जिसे मालूम हो उसे पकडमें आये, दूसरेको पकडमें नहीं आये। लेकिन उन दिनोंमें शुरूआतमें बोलते नहीं थे। कहते नहीं थे कि मुझे ऐसा होता है। मालूम नहीं था। ... उसे कहा होगा, परन्तु बाहर नहीं बोले थे। बाहरमें नहीं बोलते थे। मेरे मनमें भी ऐसा नहीं था, परन्तु मुझे एकदम आया है, ऐसा मैंने कहा। मैंने ऐसा विचार किया हो कि गुरुदेव महापुरुष तीर्थंकर जैसे लगते हैं। ऐसी कल्पना मेरे हृदयमें भी नहीं आयी थी। ये तो महापुरुष है, इतना आया था। बाकी कुछ नहीं आया था। गुरुदेवने कहा भी नहीं था, मुझे मालूम भी नहीं था।

.. गुरुदेवको कहनेसे क्या? फिर हिंमत करके कहती थी। राजकुमारकी महिमा होती थी। राजकुमार.. राजकुमार..। भरत चक्रवर्तीने ऋषभदेव भगवानको ऐसा पूछा है। भरत चक्रवर्ती थे न। चक्र (था)। भगवान! आप अभी तीर्थंकर हो, वैसे इस समवसरणमें दूसरा कोई तीर्थंकर है? कोई तीर्थंकरका जीव है? ऐसा भरत चक्रवर्तीने पूछा है। तो भगवानने कहा, तेरा पुत्र मरिचीकुमार है वह तीर्थंकर होने वाला है। इसलिये भरत चक्रवर्तीको स्वयंको उत्साह आया होगा कि मेरे पिता तीर्थंकर और मेरा पुत्र तीर्थंकर। वह चौबीसवें तीर्थंकर होंगे, ऐसा भगवानने कहा। तेरा पुत्र मरिची चौबीसवें तीर्थंकर होगा। उन्हें उत्साह आया या कुछ भी हुआ, उन्होंने तीन चौबीसीके रतन्मय बिंब बनाये। उसप्रकारका आनन्द आता है।

देवलोकका सागरोपमका काल कहलाता है, परन्तु देवोंको वह सागरोपमका काल कुछ नहीं लगता। उसका जीवन ही (वैसा होता है)। सागरोपम यानी देवोंको कुछ नहीं लगता। उनका काल एकदम व्यतीत हो जाता है। यहाँ थोडा समय जाये तो कितना काल चला जाता है। सागरोपमका काल (वैसे चला जाता है)। उन लोगोंको ऐसा