Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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अमृत वाणी (भाग-२)

८६ ही था।

.. मैंने कहा, घातकीखण्ड द्विपमें भगवान हुए हैं और फिर यहाँ जन्म लिया है। भगवानका पूर्व भव वहाँ था। ऐेसे घातकीखण्ड द्विपमें पूर्व भवमें बहुत भगवान थे और यहाँ आये हैं। यहाँ तो चार भगवानका चित्र किया है, बाकी वैसे तो बहुत भगवान घातकीखण्डमें हुए हैं। सबको ऐसा लगता है कि घातकिखण्ड द्विप क्या है? घातकिखण्ड द्विपमेंसे बहुत भगवान आये हैं, पूर्व भवमें वहाँ थे।

... पूछते हैं, प्रभु! अपराजित विमानमें तीर्थंकरोंकी... एक जाते हैं विदेहक्षेत्रमें। सर्वार्थसिद्धि या अपराजित विमान ... उसमें दो तीर्थंकरके जीव हैं। दो तीर्थंकरके जीव साथमें रहते थे। अहमिन्द्र। सर्वार्थसिद्धि हो या अपराजित विमान हो, उसमें रहते थे। एक विदेहक्षेत्रके भगवान और एक भरतक्षेत्रके भगवान। नमिनाथ भगवान यहाँ आते हैं न? एक भगवान विदेहक्षेत्रमें और एक भगवान यहाँ (आते हैं)। ऐसा कुछ आता है न? पूर्व भवका देव लेने आता है।

भगवान! अपराजित विमानमें जो तीर्थंकर भगवान साथमें रहते थे, वे कहाँ है? देवोने पूछा है। अभी वे भरतक्षेत्रमें (है)। वसंतऋतु खिली है, वहाँ वे विहार करते हैं। परन्तु वे दीक्षा लेंगे, ऐसा कुछ कहते हैं। फिर वहाँ-से देव देखने आते हैं। देवको पूछते हैं कि विदेहक्षेत्रके भगवानने कहा कि अपराजित विमानमें जो मेरे साथ थे, वे भरतक्षेत्रमें वर्तमानमें वसंतऋतु है, वहाँ विचरते हैं। इसलिये हम देखने आये हैं। तो भगवानको तुरन्त वैराग्य हो गया। अरे..! मेरे साथ जो भगवान थे उन्होंने दीक्षा ली और मैं अभी भी इसमें हूँ? उन्हें वैराग्य आया तो तुरन्त दीक्षा ले ली। ऐसा बनता है। कोई तीर्थंकर बने, कोई तीर्थंकरका जीव देवलोकमें साथमें होता है।

... राजकुमारके रूपमें थे, सीमंधर भगवानकी सभामें। वहाँ-से यहाँ आया। भगवानकी सभामें गुरुदेव सम्बन्धित वाणी निकली। वह सब कितनी महाभाग्यकी बात है! ऐसे जीव यहाँ आये। गुरुदेवका तीर्थंकरका जीव, महाभाग्य पंचमकालका कि यहाँ आये। नहीं तो यहाँ कैसे? भगवानके समवसरणमें जो हो और जो तीर्थंकरका जीव हो, वे इस पंचमकालमें आये कहाँ-से? लेकिन वह तो पंचमकालका महाभाग्य कि यहाँ पधारे। नहीं तो वे यहाँ कैसे आये? .. तीर्थंकरका जीव यहाँ पंचमकालमें कैसे आये?

... इतना ही काल गया है। भगवान जानेके बाद २५०० वर्ष हुए। कुन्दकुन्दाचार्यके समयमें भी एक नवीन हुआ। यहाँके आचार्य महाविदेहमें जाये कैसे? वह एक आश्चर्य हुआ, कुन्दकुन्दाचार्यके समयमें। कुछ नवीन ही था। यहाँ आचार्य विदेहक्षेत्रमें जाये। कहाँ विदेहक्षेत्र! वह कोई चलकर जा सके ऐसा है? विदेहक्षेत्रमें कुन्दकुन्दाचार्य पधारे। वह एक नयी बात (बनी)। गुरुदेव विदेहक्षेत्रसे यहाँ आये, वह एक नयी बात है। अभी