१४० निश्चित है। उनके जानेके बाद उन्होंने कभी कोई मार्गदर्शन दिया। उनके जानेके बाद, मतलब वे हमारे बीचमें नहीं है, उसके बाद। ... उसके बाद कभी उन्होंने कुछ भी चाहे वह पोझिटि साईड हो या नेगेटिव साईड हो, वह पूछना है, वह जाननेका..
समाधानः- परंपराकी क्या बात है? उपदेश उन्होंने दिया, उन्हें जाना..
मुमुक्षुः- मगर माताजी! आप लोगोंके सम्बन्ध तो पुराने भी है तो हो सकता है कि हर इन्सानसे गलती होती है, चाहे वह तीर्थंकर हो, और मार्गदर्शन उनको गुरुओंसे मिलता है। ..
समाधानः- गुरुदेव तीर्थंकरका द्रव्य था। उन्होंने सबको मार्ग बताया है।
मुमुक्षुः- मैं आपको यह बता रहा हूँ कि उनके जानेके बाद कोई चीजमें ऐसा..?
समाधानः- .. उनको कोई इच्छा ही नहीं थी। गुरुदेवको कोई इच्छा नहीं थी।
मुमुक्षुः- उनके अनुसार उनका भी एक वाक्य है, यह उन्होंने बोला कि मैं दीक्षा इसलिये नहीं दिलाता हूँ कि मैं इस रूपमें नहीं आया हूँ, मतलब तीर्थंकर रूपमें नहीं आया हूँ। मतलब उनका वह पार्ट तो बाकी है न?
समाधानः- उनको कोई इच्छा बाकी नहीं थी। वे तो अपना कार्य करते थे। वाणी छूटती थी, सबको लाभ मिलता था।
मुमुक्षुः- फिर उन्होंने आपके लिये..
समाधानः- उनको कोई इच्छा नहीं थी, बाहर कोई इच्छा नहीं थी। सब जीव मोक्ष प्राप्त करे, ऐसा प्रशस्त राग आता है तो वाणी छूट जाती है। बादमें उनको वह विचार नहीं आता है।
मुमुक्षुः- आपके पास उसके बाद कभी नहीं आये? किसी भी रूपमें-सपनेके रूपमें, साक्षात रूपमें, किसी भी रूपमें।
समाधानः- स्वप्न आये तो उसमें क्या है?
मुमुक्षुः- मोक्षगामी जीवका स्वप्न आये तो उसमें बहुत .. इन लोगोंको स्वप्नमें ही बोलते थे। उनको कोई सामाने आकर नहीं बोलता था। सपनेमें बोलते थे। माताको सोलह स्वप्न आये, उसके बाद त्रिशला माता..
समाधानः- वह तो एक आगाही होती है कि सपना देखकर यह तीर्थंकरका जीव आया है।
मुमुक्षुः- वही मतलब है मेरा।
समाधानः- यह पूछनेका क्या मतलब है?
मुमुक्षुः- बहुत लाभ है। अपनेको यह लाभ है कि अपनी परिपाटी कीधर चलनेवाली है। क्योंकि इसके बाद जो मैं ... वह ये है कि आज जो हम स्थिति देखते हैं,