Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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५०अमृत वाणी (भाग-४)

जानता नहीं था। सब बाह्य क्रियामें पडे थे। कोई ऐसा करनेसे धर्म होगा (ऐसा मानते थे)। गुरुदेवने कहा, अंतरमें दृष्टि कर और आत्माको पहिचान तो धर्म हो सके ऐसा है। इसलिये आत्माको पहिचानने जैसा है। आत्मा शाश्वत अंतरमें विराजता है। वह करने जैसा है।

... जो उन्होंने लाभ लिया, साथमें रहे। मन्दिर जाते थे और ... यहाँका मौसम उन्हें अनुकूल है, इसलिये यहाँ रहते हैं। ... अन्दर आत्मामें जो उन्होंने संस्कार बोये वह साथमें गये। उनको तो यहाँका बहुत था। गुरुदेवका कितना लाभ लिया है। संसारका तो ऐसा है। क्षणमें आयुष्य पूरा हो जाता है। आत्मा कहीं और (चला जाता है)। आत्मा तो शाश्वत है जहाँ जाय वहाँ। यह शरीर छोडकर दूसरा शरीर धारण कर लेता है।

.. राजाओंके आयुष्य पूर्ण हो जाते हैं। आत्माका स्वरूप आत्मा शाश्वत है। आत्माका ध्यान करे, आत्माका करनेके लिये सब छोड देते थे। सम्यग्दर्शन था, परन्तु चारित्रदशा लेकर केवलज्ञान प्रगट करनेके लिये चक्रवर्ती जैसे भी सब छोडकर आत्माका करते थे। आत्माका ही करने जैसा है। संसार तो ऐसा ही है। अनन्त जन्म-मरण, ऐसे कितने अनन्त हुए हैं। अनन्तको स्वयंने छोड दिया और स्वयंको छोडकर अनन्त चले गये। ऐसा कितना हुआ है। अतः आत्मा शाश्वत है, उसकी आराधना कैसे हो (वह करने जैसा है)। ... थोडा कुछ देखे, बिजलीका चमकारा, बिजली देखकर वैराग्यको प्राप्त होते थे। पानीका बुलबुला देखकर एकदम वैराग्यको प्राप्त होते थे कि संसार तो ऐसा ही है।

मुमुक्षुः- वसंत ऋतुका .. सुख रहे हैं, खीरता तारा..

समाधानः- तारा खीरता है, ऐसा चित्रमें है। वह देख-देखकर तीर्थंकर और राजा सब वैराग्यको प्राप्त होते थे। वसंत ऋतु खीली है और एकदम ऐसा हो जाता है। थोडा प्रसंग बने तो वैराग्य आ जाता था। पहलेके जीव इस प्रकार वैराग्यको प्राप्त होते थे। फिर भगवानकी वाणी सुनकर समवसरणमें जाय, एक क्षणमें वैराग्यको प्राप्त होकर मुनि बनकर चले जाते।

.. अनन्त जन्म-मरण किये। आकाशके एक-एक प्रदेशमें, कोई खाली नहीं रखा। जगतके कितने द्रव्य अनन्त बार ग्रहे और छोडे। उतने परिवर्तन द्रव्य, क्षेत्र, काल, भावके किये, उतना किया। वैसेमें इस पंचमकालमें गुरुदेव मिले और ऐसी वाणी मिली और ऐसा मार्ग गुरुदेवने बताया, स्वानुभूति प्रगट करनेका, वह महाभाग्यकी बात है। गुरुदेवने मार्ग बताया, उसकी रुचि हो और उसके कुछ संस्कार बोये, उसकी आराधन हो तो वह जीवनमें करने जैसा है। उन्होंने वह सब संस्कार डाले हैं, सबको वह करने जैसा है।