उपयोगी थई शके एवुं द्रव्यसंग्रह लखेल छे, जे घणी जग्याए धार्मिक शिक्षण-शिबिरना
अभ्यासक्रममां राखवामां आवे छे. ते बदल तेमनो अत्यंत आभार मानीए छीए.
श्री पं. हिंमतभाईए तथा श्री खीमचंदभाईए आखोय अनुवाद चीवटथी तपासी आप्यो
छे अने अनुवादमां कोई कोई स्थळे पडती मुश्केलीनो तेमना विशाळ ज्ञान द्वारा उकेल करी आप्यो
छे. वळी श्री ब्र. श्री चंदुभाई तथा श्री ब्र. गुलाबचंदभाईए अनुवाद तपासी आपवा उपरांत प्रूफ
संशोधनादि कार्य पण करी आप्युं छे. आ रीते तेमणे जे अमूल्य सहाय आपी छे ते बदल तेमनो
सौनो आभार मानीए छीए.
आ शास्त्रनी श्री ब्रह्मदेवविरचित संस्कृतवृत्ति तथा तेना गुजराती अनुवाद सहितनी एक
आवृत्ति आ पहेलां अन्य संस्था तरफथी प्रकाशित करवामां आवी हती. आ शास्त्र मुमुक्षुओने
आत्महितार्थे खूब ज उपयोगी लागवाथी आ संस्था द्वारा तेनी प्रथम आवृत्ति प्रकाशित थई रही
छे. आशा छे के मुमुक्षु समाज तेना स्वाध्यायथी लाभाान्वित थशे.
श्री जिनेन्द्र परमात्मा द्वारा जे वस्तुस्वरूपनुं सचोट, सुस्पष्ट अने नयविभागपूर्वक प्रतिपादन
आ ग्रन्थमां करवामां आव्युं छे ते वांची-विचारी, तेना भावोने यथार्थपणे अंतरमां उतारीने जिज्ञासु
जीवो ज्ञायकस्वभावना आश्रये निजात्महित साधो ए भावना.
साहित्यप्रकाशनसमिति
श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट
सोनगढ- (सौराष्ट्र)
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पूज्य गुरुदेवश्रीनो
११९मो जन्म-जयंती महोत्सव
वैशाख सुद २
ता. ७-५-२००८