Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration). Gatha: 14 (poorvardh) (Dhal 3).

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गाथा १४ (पूर्वार्धा)
तपकौ मद न, मद जु प्रभुताकौ करै न, सो निज जानै,
मद धारै तो यही दोष वसु, समकितकौ मल ठानै;
अन्वयार्थ[जे जीव] (जो) जो (पिता) पिता वगेरे
पितृपक्षना माणसो (भूप) राजा वगेरे (होय) होय [तो] (मद)
अभिमान (न ठानै) करतो नथी, [जो] (मातुल) मामा वगेरे
मातृपक्षना माणसो (नृप) राजा वगेरे (होय) होय तो (मद)
अभिमान (न) करतो नथी, (ज्ञानकौ) विद्यानो (मद न) घमंड
करतो नथी, (धनकौ) लक्ष्मीनुं (मद भानै) अभिमान करतो
नथी, (बलकौ) शक्तिनुं (मद भानै) अभिमान करतो नथी,
(तपकौ) तपनुं (मद न) अभिमान करतो नथी, (जु) अने
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