मिथ्याद्रष्टिनुं बीजुं नाम छे, केम के बहारना संयोग
सम्यग्द्रष्टिनुं बीजुं नाम छे; केमके पोताना अंतरथी ज एटले
के मारा त्रिकाळी शुद्ध चैतन्यस्वरूपना लक्षे ज मने लाभ थई
शके एम ते माने छे. परमात्मा ते आत्मानी संपूर्ण शुद्ध
अवस्था छे. आ सिवाय बीजा अनेक विषयो आ ग्रंथमां
लेवामां आव्या छे; ते बधा काळजीपूर्वक समजवानी जरूर छे.
कारण छे; आ उपरांत शास्त्राभ्यासमां नीचेनी बाबतो खास
ख्यालमां राखवीः
२. सम्यग्दर्शन पाम्या सिवाय कोई पण जीवने साचां
केमके ते क्रिया प्रथम पांचमे गुणस्थाने शुभभावरूपे होय छे.