Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration). Bija Vishyo Pathakone Vinnati.

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बीजा विषयो
आ पुस्तकमां बहिरात्मा, अंतरात्मा, परमात्मा वगेरे
विषयोनुं स्वरूप आपवामां आव्युं छे. बहिरात्मा ते
मिथ्याद्रष्टिनुं बीजुं नाम छे, केम के बहारना संयोग
वियोग,
शरीर, राग, देवशास्त्रगुरु आदिथी खरेखर (परमार्थ)
पोताने लाभ थाय एम ते माने छे. अंर्तआत्मा ते
सम्यग्द्रष्टिनुं बीजुं नाम छे; केमके पोताना अंतरथी ज एटले
के मारा त्रिकाळी शुद्ध चैतन्यस्वरूपना लक्षे ज मने लाभ थई
शके एम ते माने छे. परमात्मा ते आत्मानी संपूर्ण शुद्ध
अवस्था छे. आ सिवाय बीजा अनेक विषयो आ ग्रंथमां
लेवामां आव्या छे; ते बधा काळजीपूर्वक समजवानी जरूर छे.
पाठकोने विनंती
पाठकोए आ पुस्तकनो सूक्ष्म द्रष्टिथी अभ्यास करवो;
केम के सत्शास्त्रनो धर्मबुद्धि वडे अभ्यास ते सम्यग्दर्शननुं
कारण छे; आ उपरांत शास्त्राभ्यासमां नीचेनी बाबतो खास
ख्यालमां राखवीः
१. सम्यग्दर्शनथी ज धर्मनी शरूआत थाय छे.
२. सम्यग्दर्शन पाम्या सिवाय कोई पण जीवने साचां
व्रत, सामायिक, प्रतिक्रमण, तप, प्रत्याख्यान वगेरे होय नहीं.
केमके ते क्रिया प्रथम पांचमे गुणस्थाने शुभभावरूपे होय छे.
३. शुभभाव ज्ञानी अने अज्ञानी ए बंनेने थाय छे.
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