Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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संशयःविरुद्धानेककोटिस्पर्शिज्ञानं संशयःविरुद्धानेककोटिस्पर्शिज्ञानं संशयः =‘आ प्रमाणे छे के
आ प्रमाणे छे’ एवुं जे परस्पर विरुद्धतापूर्वक बे प्रकाररूप ज्ञान,
तेने संशय कहे छे.
विपर्ययःविपरीतैककोटिनिश्चयो विपर्ययःविपरीतैककोटिनिश्चयो विपर्ययः =वस्तुस्वरूपथी
विरुद्धतापूर्वक ‘आ आम ज छे’ एवुं एकरूप ज्ञान तेनुं नाम
विपर्यय छे.
अनध्यवसायःकिमित्यालोचनमात्रमनध्यवसायःकिमित्यालोचनमात्रमनध्यवसायः =‘कांईक छे’
एवो निर्धाररहित विचार तेनुं नाम अनध्यवसाय छे.
१०८ ][ छ ढाळा
अर्थात् ओळखवो जोईए. [जो एम-न कर्युं तो] (यह) आ
(मानुषपर्याय) मनुष्यशरीर (सुकुल) उत्तमकुल (जिनवाणी)
जिनवाणीनुं (सुनिवौ) सांभळवुं (इहविधि) एवो सुयोग (गये)
वीती गया पछी, (उदधि) समुद्रमां (समानी) समायेलां
डूबेलां
(सुमणि ज्यों) साचा रत्ननी माफक [फरीने] (न मिले) मळवो
कठण छे.
भावार्थआत्मा अने परवस्तुओना भेदविज्ञानने प्राप्त
करवा माटे जिनदेवे प्ररूपेलां साचां तत्त्वोनुं पठन-पाठन (मनन)
करवुं जोईए; अने
संशय विपर्यय तथा अनध्यवसाय ए