लाभ छे तथा तेना वियोगथी पोताने नुकशान छे एम न मानो;
केमके परपदार्थ सदा भिन्न छे, ज्ञेयमात्र छे, तेमां कोईने अनुकूळ
अथवा प्रतिकूळ, इष्ट अथवा अनिष्ट गणवा ते मात्र जीवनी
भूल छे, माटे पुण्य-पापना फळमां हर्ष-शोक करवो नहि.
Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration).
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