बीजा पासे न बोलाववा) ते सत्य-अणुव्रत छे.
निज वनिता विन सकल नारिसों रहै विरत्ता;
अपनी शक्ति विचार, परिग्रह थोरो राखै,
दश दिश गमन प्रमाण ठान, तसु सीम न नाखै. ११.
(नाहिं) न (गहैं) लेवी [तेने] अचौर्याणुव्रत कहे छे. (निज)
पोतानी (वनिता विन) स्त्री सिवाय (सकल नारिसों) बीजी सर्व
स्त्रीओथी (विरत्ता) विरक्त (रहै) रहे [ते ब्रह्मचर्याणुव्रत छे].