मरण समै संन्यास धारि, तसु दोष नशावै;
यों श्रावकव्रत पाल, स्वर्ग सोलम उपजावै;
तहँतैं चय नरजन्म पाय, मुनि ह्वै शिव जावै. १५.
नथी, अने (मरण समै) मरण वखते (संन्यास) समाधि (धारि)
धारण करीने (तसु) तेना (दोष) दोषोने (नशावै) दूर करे छे
ते (यों) आ प्रकारे (श्रावकव्रत) श्रावकना व्रतो (पाल) पाळीने
(सोलह) सोळमा (स्वर्ग) स्वर्ग सुधी (उपजावै) उपजे छे,
[अने] (तहँतैं) त्यांथी (चय) मरण पामीने (नरजन्म)
मनुष्यपर्याय (पाय) पामीने (मुनि) मुनि (ह्वै) थईने (शिव)
मोक्ष (जावै) जाय छे.
टाळे छे अने मृत्यु वखते पूर्व अवस्थामां उपार्जन करेलां दोषो